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डायबिटीज का वॉर्निंग साइन हैं आंखों में दिखने वाले ये लक्षण, ऐसे करें पहचान और बचाव

डायबिटीज में किडनी से लेकर हार्ट तक की समस्याएं होती है, लेकिन आपको क्या पता है कि इससे आंखों में भी बेहद गंभीर समस्या का जोखिम बना रहता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको अपनी आंखों पर विशेष ध्यान देने की जरूत होगी और कोई भी परिवर्तन या समस्या नजर आए तो उसे नजर अंदाज न करें।

कई बार डायबिटीज का पता तक आप आंखों से मिल रहे संकेतों से भी लगा सकते हैं।

हाई ब्लड शुगर का आंखों पर असर- Effects of high blood sugar on eyes

पैनक्रियाज से निकलने वाला इंसुलिन ही ब्लड में शुगर को कंट्रोल करता है, लेकिन डायबिटीज होने पर शरीर में इंसुलीन सही तरीके से नहीं बन पाता है और इससे ब्लड शुगर बढ़ने लगता है।
'द सन' ने डायबिटीज में आंखों के होने वाले नुकसान पर अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें यह बताया गया है कि हाई ब्लड शुगर आपकी आंखों पर असर डालता है। ये रेटिना के ब्लड वेसेल्स में बदलाव ला सकता है या इससे आंखों के टिशूज में सूजन आ सकती है। ये टिशूज ही देखने में हमारी मदद करते हैं और डायबिटीज में विजन कमजोर होना सबसे बड़ी समस्या होती है।

हाई ब्लड शुगर में लेंस पर असर- Effect on lens in high blood sugar

हाई ब्लड शुगर से लेंस के आकार में भी बदलाव आता है और अगर इसका इलाज न हो तो इससे कैटरेक्ट्स, ग्लूकोमा और रेटिनोपैथी की समस्याएं शुरू हो सकती हैं।

इन लक्षणों को इग्नोर न करें- Symptoms Do not ignore

डिस्टॉर्टेड विजन- अगर आपको देखते समय एक डार्क स्पॉट सा नजर आता है या देखने में डिस्टरबेंस हो रही तो ये डायबिटीज का लक्षण होता है। ऐसाशरीर प्रभावी ढंग से इंसुलिन नहीं बना पाता या इसका इस्तेमाल नहीं कर पाता जिससे आंखों को भी नुकसान पहुंचता है।

कैटरेक्ट्स यानी मोतियाबिंद- अगर आपकी आंखों में मोतियाबिंद के लक्षण नजर आ रहे तो इसकी वजह डायबिटीज भी होती है। उम्र बढ़ने पर भी ऐसा संभव है। हाई ब्लड शुगर में ग्लूकोज आपके सेल्स में न पहुंचकर ब्लड स्ट्रीम में ही रह जाता है। आंखों की ऑप्टिक नर्व पर दबाव पड़ता है जिससे उन्हें काफी नुकसान पहुंचता है। इसकी वजह से विजन लॉस और अंधेपन की समस्या हो सकती है।

आंखों में जाले बनने- अगर आंखों में जाले से बन रहे या आंखों में बार-बार किचड़ जैसी समसया नजर आती है तो ये भी डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।

नाइट विजन में दिक्कत- कई बार डायबिटीज अनकंट्रोल होने से रात के समय नजर बेहद कमजोर हो जाती है। डायबिटीज की वजह से ब्लीडिंग और रेटिना में ज्यादा तरल पदार्थ की समस्या हो जाती है।

रेटिनोपैथी- ये एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की रेटिना (आंख का पर्दा जहां तस्वीर बनती है) को प्रभावित करती है। ये रेटिना को रक्त पहुंचाने वाली महीन नलिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है। अगर इसका समय पर इलाज न कराया जाए तो व्यक्ति अंधा भी हो सकता है।

ये लक्षण भी हो सकते हैं डायबिटीज के कारण

डायबिटीज की समस्या में आपको सिरदर्द, आंखों में दर्द, आंखों में पानी आना या सूखापन आदि की भी दिक्कत हो सकती है।

ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये तरीका- method to control blood sugar

डायबिटीज के मरीज कुछ खास तरीकों से हाई ब्लड शुगर को कम कर सकते हैं। इससे विजन लॉस की समस्या से बच सकते हैं।

भरपूर नींद लें- इससे आपकी सेहत को कई फायदे तो मिलेंगे ही ब्लड शुगर को मेंटेन करने में भी मदद मिलेगी। नींद की कमी से ग्रोथ हार्मोन कम होने लगते हैं और इससे कॉर्टिसोल लेवल भी बढ़ जाता है। ये दोनों चीजें ब्लड शुगर को मैनेज करने में अहम रोल निभाती हैं।

भरपूर मात्रा में पानी पिएं- पानी भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हाइड्रेटेड रहने से किडनी को यूरिन के जरिए एक्स्ट्रा शुगर को फ्लश करने में मदद मिलती है और इससे डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।

स्ट्रेस से दूर रहें-ब्लड शुगर लेवल पर स्ट्रेस लेवल का असर सीधे पड़ता है। इसलिए स्ट्रेस से दूर रहें और एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज और रिलैक्सेशन मेथड्स जैसे कि योग के जरिए स्ट्रेस को मैनेज करें। इससे ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद मिलेगी।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।



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