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हीमोग्लोबिन ज्यादा है तो भी खतरा, स्ट्रोक और हार्ट अटैक की संभावनाएं

ज्यादा हीमोग्लोबिन पॉलीसिथेमिया के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जहां अस्थि मज्जा में असामान्यताओं के कारण मानव शरीर में लाल कोशिकाएं बढ़ जाती हैं। ये अतिरिक्त कोशिकाएं रक्त को गाढ़ा कर देती हैं, इसका प्रवाह धीमा कर देती हैं और रक्त के थक्के जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं। वहीं पॉलीसिथेमिया के अन्य कारणों में धूम्रपान, हृदय या फेफड़ों के रोग और लंबे समय तक ऊंचाई पर रहना भी शामिल हैं।

ऐसे जानें असामान्य हीमोग्लोबिन स्तर
पुरुषों में 16.5g/dL और महिलाओं में 16g/dL से अधिक हीमोग्लोबिन का स्तर असामान्य माना जाता है। नियमित रक्त परीक्षण पर उच्च हीमोग्लोबिन स्तर का पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर्स के मुताबिक उच्च हीमोग्लोबिन के स्तर को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त के थक्के जमने का खतरा बढ़ सकता है और कभी-कभी स्ट्रोक, दिल का दौरा और पैरों और पेट में रक्त के थक्के जैसी खतरनाक स्थिति हो सकती है।

नियमित जांच जरूरी
यदि नियमित टेस्ट में हाई हीमोग्लोबिन लेवल का पता चलता है, तो हेमेटोलॉजिस्ट से परामर्श लिया जाना चाहिए। हीमोग्लोबिन के स्तर का पता लगाने के लिए नियमित रक्त परीक्षण में एक परिधीय स्मीयर, सीरम एरिथ्रोपोइटिन स्तर और नियमित मूल्यांकन के लिए JAK2 उत्परिवर्तन अध्ययन आवश्यक है।

सिरदर्द और खुजली
उच्च हीमोग्लोबिन के कारण बार-बार सिरदर्द, धुंधलापन, गर्म पानी से नहाने के बाद पूरे शरीर में खुजली, दर्द और सूजन जैसे कई लक्षण हो सकते हैं। यह स्ट्रोक, दिल का दौरा, पैरों में रक्त का थक्का आदि जैसी बड़ी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इस स्थिति में धूम्रपान से बचना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।



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