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डेंगू में एंटीबायोटिक और पेनकिलर से बढ़ सकती है दिक्कत

डेंगू के मामले मानसून जाने के बाद भी बढ़ रहे हैं। इस सेल्फ लिमिटेड बीमारी में 95त्न से ज्यादा मरीजों को इलाज की जरूरत नहीं होती है। यह पांच दिनों के अंदर खुद ठीक हो जाती है। गंभीर न हो, इसके लिए डॉक्टर को दिखाएं।


डेंगू होने के बाद प्लेटलेट काउंट की चिंता हो जाती है। बुखार उतरना शुरू होने के बाद से ब्लड प्लेटलेट काउंट्स कम होना शुरू होता है। जिन्हें पहले डेंगू हो चुका हो, उनमें प्लेटलेट्स ज्यादा तेजी से कम होते हैं। बुखार उतरने के साथ ही प्लेटलेट्स कम होते हैं, लेकिन इसके अगले 48 से 72 घंटे बाद ये दोबारा से बढऩे भी लगते हैं।


इन लक्षणों पर ध्यान दें
101-81 डिग्री व ५-७ दिन तक बुखार, सिर में आंखों के पीछे वाले हिस्से, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी-उबकाई आना, गर्दन-छाती पर लाल-गुलाबी रैशेज आदि। गंभीर स्थिति में पेट या फेफड़ों में पानी भरने पर शॉक की स्थिति और शरीर से ब्लीडिंग भी हो सकती है।

ओआरएस व ज्यादा लिक्विड डाइट लें। बुखार हो तो पैरा-सिटामॉल और उल्टी होने पर उल्टी की दवा लें। एंटीबायो-टिक्स व पेनकिलर कई बार जानलेवा भी हो सकते हैं। ये प्लेटलेट्स घटा सकते हैं।



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