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Emotional Eating: तनाव और डिप्रेशन में खाने की ये आदत बना देगी बीमार, जानिए इमोशनल ईटिंग से कैसे बचें

इमोशंस को कंट्रोल करने के लिए खान की ये आदत बहुत आम है। खास कर मीठा या फ्राइड चीज खाने से तनावग्रस्त व्यक्ति को अच्छा महसूस होता है। खुद को तनाव से बाहर करने के चक्कर में जब बार-बार अनहेल्दी फूड खाने की आदत पड़ जाती है तो ये बीमारी का रूप ले लेती हैं। स्ट्रेस, एंग्जायटी या डिप्रेशन के कारण इमोशनल बिंज ईटिंग (Emotional Binge Eating) कई बीमारियों की वजह बनती है। डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल से लेकर मोटापा जैसी गंभीर समस्या हो जाताी है। तो चलिए आपको बताएं कि अगर आप भी स्ट्रेस में ज्यादा खाने लगे हैं तो इससे कैसे बच सकते हैं और आपका स्ट्रेस भी कम हो सकत है।

खुश होने पर भी हो सकती है इमोशनल इटिंग की समस्या- Emotional eating can be a problem even if you are happy

इमोशनल बिंज ईटिंग केवल बेहद दुखी होकर ही नहीं, बल्कि खुशी में भी होती है, लेकिन दुख या स्ट्रेस में इसकी आदत पड़ने के चांसेज ज्यादा होते हैं। जब डिप्रेशन, तनाव में होते हैं तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने लगता है। ये हार्मोन कॉर्टिसोल होता है। इसके बढ़ने से दिमाग मन को उकसाता है कि वह ऐसी चीजें खाए जिससे उनके स्ट्रेस को कम होने में मदद मिले। ऐसे फूड दो कैटेगरी में आते हैं, हाई शुगर और हाई फैट। जंक फूड, प्रॉसेस्ड फूड, चिप्स, कुकीज, कोक, चॉकलेट या मीठी चीजें खाते ही मूड सही होने लगता है।

इमोशनल बिंज ईटिंग की समस्या किसे ज्यादा- Who is more prone to emotional binge eating?

इमोशनल बिंज ईंटिंग के शिकार महिला-पुरुष दोनों ही होते हैं, लेकिन इस समस्याओं से महिलाएं ज्यादा जूझती हैं। इमोशनल ईटिंग को भूख समझ कर खाने की आदत समझने वाले या जिन लोगों को स्ट्रेस बहुत होता है, उनकमें इमोशन ईटिंग की संभावना ज्यादा होताी है। कई बार लोग रोते-रोते भी खाते रहते हैं। क्योंकि उनके दिमाग को इससे काफी राहत मिलती है।

इमोशनल बिंज ईटिंग से बचने के उपाय- Ways to avoid emotional binge eating

  • बिंज ईटिंग से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि आप यह सबसे पहले समझ लें कि स्ट्रेस के कारण आप ज्यादा खा रहे हैं। इसके बाद इससे निपटना आसान होगा। प्रतिदिन मेडिटेशन करें। मेडिटेशन करने से आपका स्ट्रेस और एंग्जायटी लेवल कम होगा, साथ ही आपके फूड च्वाइस में भी सुधार होगा. आप सोच-समझकर खाने-पीने की चीजों का चुनाव करेंगे।
  • उदास, स्ट्रेसफुल, चिंतित, एंग्जायटी हो तो आप एक्सरसाज करें। वॉक पर निकल जाएंग। कुछ देर प्रकृति के करीब समय बिताएं, सूरज की रोशनी में बैठें, नंगे पैर घास पर चलें आदि।
  • एक्सरसाइज करने से कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं। इसके जरिए हेल्दी ईटिंग हैबिट्स को अपनाने में भी मदद मिलती है। एक्सरसाइज करने से डिप्रेशन, स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आप घर पर ही 15-20 मिनट योग करें, टहलने या जॉगिंग करें।
  • खानपान में उन फूड्स को शामिल करें जिसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। फाइबर पेट को देर तक भरा रखते हैं, जिससे आपको कम भूख लगती है और आप कुछ भी अधिक खाने से बचे रहते हैं।
  • यदि इन तमाम तरीकों को अपनाकर भी इमोशनल बिंज ईटिंग की समस्या से पीछा नहीं छूट रहा है, तो फिर किसी हेल्थ एक्सपर्ट की जरूर मदद लें।
  • उन फूड्स का अधिक सेवन कर सकते हैं, जो हैप्पी हार्मोन को शरीर में रिलीज करते हैं. स्ट्रेस, एंग्जायटी बढ़ाने वाले फूड्स के सेवन से बचें। स्ट्रेस हार्मोन का निर्माण जितना शरीर में कम होगा, आपको उतना ही अच्छा महसूस होगा। हैप्पी हार्मोन शरीर में रिलीज होगा, तो आप अंदर से फील गुड, खुशी महसूस करेंगे, जिससे डाइट भी अच्छा लेंगे।

तो इन बातों का ध्यान रखकर आप स्ट्रेस से भी बाहर आएंगे और आपकी इमोशनल इटिंग की आदत भी नहीं पड़ेगी।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।



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