Header Ads

बुखार के साथ सिर और पेट में दर्द टाइफाइड का हो सकता है संकेत, ऐसे पहचानें लक्षण और जानिए बचाव

टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है और ये साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होती है। दूषित खानपान या पानी के से फैलने वाली ये बीमारी शरीर को तोड़कर रख देती है। टाइफाइड तेजी से फैलने वाली बीमारी होती है और ये बीमार लोगों के मल के कारण आसपास के पानी की आपूर्ति को संभावित रूप से दूषित कर सकती है, क्योंकि बैक्टिरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं।

टाइफाइड लगभग 1से 2 सप्ताह या तीन से चार सप्ताह तक रह सकता है। यदि समय पर टाइफाइट की पहचान न हुई तो ये गंभीर रूप ले सकता है, इसलिए इसे सामान्य बुखार या दस्त से अलग समझने के लिए जरूरी है कि इसके लक्षण सही तरीके से पता हों।

टाइफाइड के लक्षण-Typhoid symptom

  • सरदर्द
  • 104 डिग्री तक बुखार
  • शरीर में दर्द
  • भूख का मर जाना
  • जी मिचलाना
  • दस्त और कब्ज
  • पेट दर्द
  • कफ की अधिकता
    अगर समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसके लक्षण तीन से चार दिन में ही खत्म हो जाते हैं। लेकिन इलाज में देरी बुखार को और बिगाड़ देती है और टाइफाइड की जटिलता बढ़ जाती है।

इसे भी पढ़ें- World Parkinson's Day: पार्किंसंस बीमारी से जुड़ी इन भ्रांतियों से उबरें, तभी ब्रेन डिसॉडर से बच सकेंगे

टाइफाइड के बिगड़ने का संकेत-Signs of worsening of typhoid
यदि समय रहते टाइफाइड का पता न चले तो ये गंभीर रूप धारण कर लेता है। कई बार सीने में जमाव और पेट में दर्द, के सा दस्त गंभीर रूप ले लेता है। बुखार के बने रहने से शरीर कमजोर हो जाता है। लगभग 10% लोगों में सुधार के बाद वापस से बैक्टरिया का अटैक हो जाता है। ऐसे अमूमन तब होता है जब इलाज के लिए दी गई एंटीबायोटिक के कोर्स में लापरवाही बरती गई हो।

टाइफाइड की रोकथाम के उपाय-Measures for prevention of typhoid

टीकाकरण: दो टीकाकरण टाइफाइड के मौजूद है, जो बीमारी से बचाते हैं। टीकाकरण के सही पाठ्यक्रम के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

खाद्य सुरक्षा: उबला हुआ, बोतलबंद और कीटाणुरहित पानी पीना चाहिए। कच्चे-फल को बिना धोएं प्रयोग न करें। ब्रश करने के लिए भी फिल्टर वाटर का यूज करें। बिना पके या बासी खाने से बचें।

स्वच्छता सुनिश्चित करें: हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप जहां रहते हैं वहां साफ-सफाई हो। सीवर, नाले के पानी से दूर रहें। कीटाणुनाशक सोप और लिक्विड का यूज करें।

हाथ की अच्छी स्वच्छता रखें: अपने हाथों को नियमित रूप से रोगाणु संरक्षण हैंडवॉश से धोएं।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/tIT9koV

No comments

Powered by Blogger.