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पेट में होने वाले ये 5 तरह के दर्द, बताते हैं गॉलब्लैडर की समस्या, जानिए कारण और बचाव

पेट में अगर आप बराबर दर्द का अनुभव करते हैं और कई बार दर्द आपके सहन से बाहर हो जाता है, तो आपको अपने दर्द से बीमारी का पता लगाना चाहिए। आज आपको गॉलब्लैडर में होने वाली दिक्कतों के साथ पेट में दर्द हाने वाले उन पांच लक्षणों के बारे में भी बताएंगे जो पित्ताश्य की खराबी के कारण होते हैं।

अगर आपको लगता है कि गॉलब्लैडर में पेन केवल पथरी के होने पर ही होता है तो आपको अपनी सोच बदलनी होगी, क्योंकि गॉलब्लैडर में पेन कई कारणों और बीमारियों के कारण होता है।

ये पांच तरह पेट से जुड़ी समस्या होती है गॉलब्लैडर के कारण- These five types of stomach problems occur due to gallbladder

बार-बार होने वाला पेट का दर्द : पेट के दाहिने तरफ ऊपर में अगर बार-बार दर्द हो और ये दर्द पीठ और दाहिने कंधे तक फैलने लगे तो समझ लें कि इस दर्द का कारण आपकी डाइट है। अधिक मात्रा में फैट का सेवन करने की आदत इस तरह के पेन का कारण होती है।

उल्टी, पेट दर्द के साथ घबराहट का होना: पेट दर्द के साथ उल्टी का होना और इससे दिल की धड़कन तेज होना या घबराहट का बढ़ना।

पेट दर्द के साथ पॉटी का बदल रंग: अगर पित्त नली में रुकावट होती है तो इससे पेट दर्द के साथ मल यानी पॉटी का रग भी हल्का नजर आता है।

यूरिन का कलर गहरा होना: गॉलब्लैडर में रुकावट, गॉलब्लैडर से पथरी के खिसकने के कारण गहरे रंग का यूरिन होता है।

गॉलब्लैडर रोग से संबंधित दर्द के ये हो सकते हैं कारण- causes of pain related to gallbladder disease

पित्त पथरी: पित्त की थैली यानी गॉलब्लैडर में जब स्टोन होता है तो भी दर्द होता है। कई बार बिना किसी लक्षण या दर्द के पित्त पथरी विकसित हो जाती है। अगर स्टोन बड़ा हो तो वह पित्ताशय की थैली की नली को बाधित कर सकता है, जिससे पेट में दर्द के साथ-साथ रुकावट बनी रहने पर पित्ताशय की थैली में बलगम या मवाद भर जाता है। कई पत्थरों में पित्त नली में खिसकने की प्रवृत्ति होती है, जिससे पीलिया, बुखार और दर्द होता है।

कोलेसिस्टिटिस: पथरी के कारण होने वाली सूजन के कारण आपको पित्ताशय की थैली में दर्द का अनुभव हो सकता है। एक्यूट कोलेसिस्टिटिस और एक्युलकुलस कोलेसिस्टिटिस दो प्रकार के कोलेसिस्टिटिस होते हैं। जब पित्त पथरी पित्ताशय की थैली में फंस जाती है जिससे दर्द होता है, जबकि अकलकुलस कोलेसिस्टिटिस पित्त नली में एक जीवाणु संक्रमण होता है।

कोलेडोकोलिथियसिस: पित्त नली में पथरी की उपस्थिति कोलेडोकोलिथियसिस के रूप में जाना जाता है। कोलेडोकोलिथियसिस पित्त के प्रवाह को प्रतिबंधित करता है, जिसके कारण पेट पर दबाव और दर्द बढ़ जाता है। आप पीलिया या त्वचा और आंखों के पीलेपन का अनुभव कर सकते हैं।

पित्त में जमा गंदगी : पित्त की थैली में कई बार गंदगी जमा होने लगती है। थैली में कोलेस्ट्रॉल मोनोहाइड्रेट क्रिस्टल, कैल्शियम बिलीरुबिन और अन्य कैल्शियम लवण की संरचना है। इन पदार्थों का जमाव पित्त पथरी जैसे समान लक्षण और जटिलताएं पैदा कर सकता है।

कार्यात्मक पित्ताशय की थैली रोग (Functional gallbladder disease): पित्त संबंधी डिस्केनेसिया या कार्यात्मक पित्ताशय थैली की शिथिलता की बीमारी होती है। इसमें पित्ताशय की थैली में दर्द का अनुभव होता है, लेकिन पित्ताशय की पथरी के किसी भी सबूत के बिना। यदि आप पेट दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें और उचित निदान और उपचार योजना प्राप्त करें।

गॉलब्लैडर की समस्या का उपचार- Treatment of gallbladder problems
गॉलब्लैडर की किसी भी तरह के दर्द या समस्या में आपको फैटी फूड पूरी तरह से बंद कर देेन चाहिए। साथ ही
एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाएं कम से कम खानी चाहिए। लिक्विड डाइट, एंटासिड, एंटीमेटिक्स लेने से आराम मिलता है। कई बार गॉलब्लैडर को रिमूव भी करना पड़ता है।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।



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