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12 घंटे पहले ही दिल खराबी के देने लगता है संकेत, हार्ट अटैक के ये लक्षण न करें इंग्नोर

हार्ट अटैक के संकेतों को अगर सही समय पर पहचान लिया जाए तो जान जाने से बचाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है की हार्ट से जुड़ी समस्याओं को पहचाना जा सके। तो चलिए आपको बताएं कि हार्ट अटैक आने से पहले शरीर में कैसे बदलाव होते हैं और क्या कुछ संकेत मिलने लगते हैं।

हार्ट अटैके से जुड़ी ये बातें जानें-Know About Heart attack
हार्ट अटैक अचानक ही आता है, लेकिन ऐसा नहीं कि इसके संकेत या बदलाव शरीर में पहले से नहीं हो रहे होते। हार्ट या ब्रेन का अटैक अचानक होता जरूर है, लेकिन इसके संकेत एक महीने से लेकर 12 घंटे पहले तक मिलने लगते हैं।

सांस फूलना- Breathing Problem
सांस फूलने की दिक्कत अचानक से होना। अगर आपको लंबी सांस लेनी पड़ रही या दो कदम चलने पर सांस फूल रही तो ये संकेत सही नहीं। अगर आपके साथ पहले ऐसा नहीं होता था तो ये गंभीर संकेत हो सकता है। अगर ऐसा लंबा समय तक हो रहा है तो डॉक्टर से मिलें।

एंजाइना पेन-Angina Pain
सीने में भारीपन के साथ हल्का दर्द एंजाइना पेन होता है। ये तनाव के बढ़ने पर होता है और कई बार काम करने पर भी होने लगता है। बार-बार एंजाइना पेन आने की समस्या आपको हार्ट अटैक की तरफ धकेल सकती है।

मिमिक सिंप्टम्स- Mimic Symptom
खाने के बाद गले में जलन का बराबर बने रहना भी दिल की खराबी का संकेत हो सकता है। ऐसे बराबर बना रहे तो इसकी जांच कराएं। यह भी अचानक हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।

पोस्टप्रैंडियल एंजाइना-Postprandial Angina
पोस्ट प्रैंडियल एंजाइना सीने में उठने वाला वो तेज दर्द होता है जो खाने के बाद उठता है। खाने के तुरंत बाद सीने में जलन के साथ तेज दर्द होना गंभीर संकेत है। रुकने पर आराम मिले और चलने पर दर्द बढ़े तो ये हार्ट की बीमारी का संकेत है।

चक्कर आना और घबराहट होना- Dizziness and Nervousness
हार्ट की तकलीफ से जुड़े कुछ लक्षण ऐसे होते हैं, जो कई अन्य बीमारियों में भी देखने को भी मिलते हैं। इसलिए हार्ट अटैक के पूर्व के संकेत को समझना कई बार कठिन हो जाता है। चक्कर और उल्टी आना या चक्कर के साथ उल्टी महसूस होना भी हार्ट की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि ये लक्षण पेट की बीमारी, ब्रेन से जुड़ी दिक्कत या शुगर कम होने पर भी महसूस हो सकते हैं। हार्ट वाले केस में कई बार सिर्फ चक्कर भी आ सकता है और नॉजिया फील नहीं होता।

ये लक्षण भी हो सकते हैं हार्ट अटैक के संकेत- these symptoms can also be signs of heart attack
ऊपर के संकेतों के अलावा कुछ लोगों को बाएं तरफ दर्द महसूस करते हैं। ये दर्द अगर जबड़े से लेकर कंधे और हाथ में जाने लगे तो हार्ट की समस्या मानी जा सकती है।

थकान होना-Fatigue

जब भी हम थक जाते हैं तो इसे कमजोरी की निशानी मान लेते हैं। कोई भी काम करते हुए जल्दी-जल्दी थकान होना...यानी कमजोरी आना। लेकिन कई बार यह कमजोरी हार्ट की बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। हो सकता है कि हार्ट की किसी नली में सूजन या इंफेक्शन की दिक्कत हो रही हो। साथ ही यह थकान दिल के कमजोर हो जाने का लक्षण भी हो सकती है।

खांसी और हाथ पैर में सूजन होना- Cough and Swelling of Extremities
आमतौर पर खांसी को मौसम बदलने के दौरान होनेवाली समस्या माना जाता है। इसके अतिरिक्त लंबे समय तक रहनेवाली खांसी टीबी का लक्षण हो सकती है। लेकिन खांसी हार्ट की बीमारी का संकेत भी होती है। यह समस्या हर व्यक्ति में हार्ट की बीमारी के लक्षण के रूप में नजर आए, यह जरूरी नहीं है। अगर किसी को लगातार खांसी हो रही है और हाथ-पैर में सूजन आ जाने की समस्या बनी हुई है तो इन लक्षणों को अनेदखा नहीं करना चाहिए। ये हार्ट की बीमारी के साथ ही किसी अन्य गंभीर रोग का लक्षण भी हो सकते हैं।

तेज पसीना और धड़कनों की रफ्तार- Rapid Sweating and Heartbeat
बिना किसी खास कारण अचानक से तेज पसीना आना। यानी जब आपने कोई शारीरिक श्रम ना किया हो या आप तेज गर्मी से ना आए हों और अचानक से आप पसीना-पसीना हो जाते हैं तो यह भी दिल की कमजोरी का एक लक्षण हो सकता है। कई बार धड़कनें बहुत तेज हो जाना या बहुत धीमी हो जाना भी दिल की कमजोरी की तरफ इशारा करती है। इस दौरान कई लोगों को ऐसा अनुभव होता है, जैसे हार्ट सिकुड़ रहा है। साथ ही तेज घबराहट भी हो सकती है। अगर यह स्थिति बार-बार बन रही हो तो हल्के में ना लें।

महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैके होते हैं अलग लक्षण- Women and Men have different symptoms
महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षणों में कुछ अंतर हो सकता है। ऊपर जो लक्षण बताए गए हैं, वे तो सभी में देखने को मिलते हैं लेकिन महिलाओं में कुछ अलग सिंप्टम्स भी हार्ट की समस्या की तरफ इशारा करते हैं। जैसे, मन खराब होना या उल्टी जैसा महसूस होना (नोजिया), गले में और सीने पर तेज जलन महसूस होना साथ में दर्द होना (हार्ट बर्न), अपच की दिक्कत होना आदि। अगर आपके साथ ये समस्याएं अक्सर होने लगी हैं तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।



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