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How to Treat Navel Displacement: इन योगासनों को अपनाकर दूर करें नेवल डिस्प्लेसमेंट की समस्या

नई दिल्ली। How to Treat Navel Displacement: अगर कभी आपको पेट में हर समय दर्द रहने, पेट के फूलने, खाना खाते ही पेट में दर्द का एहसास होने आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं, तो यह नाभि खिसकने के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि नेवल डिस्प्लेसमेंट कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह समस्या किसी को भी हो सकती है। कभी-कभी ज्यादा भारी सामान उठाने या कोई झटका लगने के कारण भी नाभि अपने स्थान से खिसक जाती है। नाभि खिसकने की वजह से व्यक्ति को पेट दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, कब्ज अथवा दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको भी कभी नाभि खिसकने की परेशानी हो, तो निम्न योगासनों की मदद से इसे दूर किया जा सकता है...

1. सुप्त वज्रासन
सुप्त वज्रासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिठाकर उस पर वज्रासन में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों की कोहनियों का सहारा लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें। और फिर अपनी कोहनियों तथा कमर को आराम से फर्श पर टिका दें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे की ओर ले जाएं और अपने कंधों को जमीन पर टिका दें। इसके बाद पीठ के बल लेट जाएं। ध्यान रखें कि आपके घुटने पास-पास होने चाहिए। कैंची की तरह अपने दोनों हाथों को कंधों के नीचे लेकर आए और सांसो की गति सामान्य रखें। कुछ समय तक इसी पोजीशन में रहकर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस तरह आप चार पांच बार इसे दोहरा सकते हैं।

2. नौकासन
नौकासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाकर उस पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें। और दोनों हाथों को अपनी जांघों पर रखें। इसके बाद गहरी सांस लेकर अपने दोनों हाथों को पैरों की तरफ ले जाते हुए कमर से ऊपर के भाग को जमीन से ऊपर उठाएं। साथ ही दोनों पैरों को भी साथ में जमीन से ऊपर की तरफ उठा लें। आपका शरीर जमीन से 45 डिग्री के कोण पर होना चाहिए। सांसो की गति सामान्य रखते हुए कुछ समय इसी पोजीशन में रहे और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस प्रक्रिया को 8-10 बार दोहराया जा सकता है।

3. भुजंगासन
भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर उस पर पेट के बल लेट जाएँ। अपने मस्तक को जमीन पर सीधा रखें, पैरों को सटाकर एकदम सीधे रखें। अब अपने दोनों हाथों को कंधों के ठीक नीचे रखें। अब एक गहरी सांस लेते हुए अपने मस्तक को फिर छाती को और फिर पेट को उठाएं। ध्यान रहे कि आप की नाभि जमीन पर ही होनी चाहिए। कोहानियों को एकदम सीधा रखें तथा हथेलियां जमीन पर होनी चाहिए। शरीर का भार आपके दोनों हाथों पर समान रूप से होना चाहिए। दोनों हाथों का सहारा लेकर जमीन से उठे हुए भागों को कमर के पीछे की ओर खींचने का प्रयास करें।

आराम से सांस लेते हुए और हाथों को सीधा रखते हुए रीड़ के जोड़ को धीरे-धीरे और भी मोड़ने की कोशिश करें। अपनी नजरें ऊपर की ओर रखें। आपके पैर सीधे जमीन पर टिके होने चाहिए। चेहरे पर हल्की मुस्कान रखते हुए गहरी सांस लेते रहें। सुनिश्चित करें कि आपके शरीर में अधिक तनाव नहीं आना चाहिए। कुछ समय इसी पोजीशन में रहकर पहले पेट, फिर छाती और फिर मस्तक को जमीन की ओर लाते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।



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