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Health tips : बच्चो पर सबसे ज्यादा असर करती हैं ये पांच बीमारियां

नई दिल्ली। बच्चों की तबीयत को लेकर के हर परिवार सोचता है। इससे पहले कि उनकी तबीयत खराब हो हम उसके प्रिकॉशंस लेना शुरू कर देते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बच्चों की तबीयत से जुड़ी हुई जानकारी देने जा रहे हैं । हम आपको बताने जा रहे हैं कि ऐसी कौन सी बीमारियां हैं जो 10 साल तक के बच्चों के ऊपर सबसे ज्यादा असर करती हैं । और जल्द हो जाती हैं। बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम 10 साल की उम्र तक थोड़ा वीक रहता है । ऐसे में उन्हें बीमारियों से बचाना जरूरी है।

बच्चो के ज्यादा बीमार होने के पीछे का कारण

बच्चों को किस तरह की बीमारियां होंगी ये उनके आस-पास की स्थिति पर निर्भर करता है। बच्चे ज्यादातर समय बाहर बिताते हैं और वो जमीन से नजदीक होते हैं। बहुत छोटे बच्चे कई बार आस-पास मिली चीज़ों को उठाकर अपने मुंह में डाल लेते हैं जिससे वो बीमार पड़ जाते हैं। इसी के साथ, परिवार में मौजूद बीमार व्यक्ति से उनको इन्फेक्शन लगने का खतरा ज्यादा होता है। इसका कारण होता है उनका इम्यून सिस्टम। क्योंकि अभी उनका विकास हो रहा है इसलिए उनका शरीर वायरस से लड़ने के लिए ठीक नहीं है।

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सबसे ज्यादा असर करती हैं ये पांच बीमारियां
चिकनपॉक्स
भारत अब भी उन देशों में से एक हैं जहां ये बीमारी काफी ज्यादा होती है। जहां एक ओर ये अच्छी इम्यूनिटी वाले एडल्ट्स को ज्यादा परेशान नहीं करती है वहीं कम उम्र के बच्चों के लिए ये खतरनाक हो सकती है। ये हवा में फैलने वाले वायरस से होती है और ये शरीर पर लाल फोड़े के रूप में पहचानी जाती है।

इन्फ्लूएंजा
इन्फ्लूएंजा वायरस चार तरह के होते हैं जिनमें A, B, C और D शामिल हैं। ए और बी टाइप वायरस ठंड और बदलते मौसम में बहुत तेजी से फैलते हैं। फ्लू की वजह से लंग्स, नाक, गला आदि चोक होने लगते हैं और सर्दी के साथ-साथ बुखार, कंपकंपी, दर्द, कफ आदि समस्याएं होती हैं।

निमोनिया
ये एक तरह का लंग इन्फेक्शन है जो वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। इससे सांस लेने में समस्याएं होती हैं और सर्दी और खांसी जरूरत से ज्यादा होती है। ये इन्फेक्टेड इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। 2 साल से कम उम्र के बच्चे इसकी चपेट में आ जाएं तो ये बहुत बड़ी समस्या बन सकता है।

डायरिया
डायरिया बच्चों की सबसे आम बीमारियों में से एक है जिसके साथ फीवर, उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन, पेट में दर्द, रैशेज आदि समस्याएं होती हैं। बच्चों में डायरिया होने का सबसे आम कारण है रोटावायरस जो एक तरह का पैरासाइट है।

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मलेरिया
1-5 साल के बच्चों की मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण मलेरिया माना जाता है जो कई देशों में बहुत ज्यादा तेज़ी से फैलता है। भारत में मलेरिया, निमोनिया और डायरिया बच्चों की सेहत के लिए सबसे खराब माने जाते हैं। मलेरिया में बुखार, थकान, उल्टी, सिरदर्द, स्किन की समस्या, सीजर, कोमा या मौत भी हो सकती है।



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