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Healthy Seeds: इन बीजों के सेवन से मिलेगा भरपूर पोषण

नई दिल्ली। Healthy Seeds: एक पौधे के विकास के लिए सबसे पहला चरण बीजारोपण ही होता है। एक पौधे के विकास में आवश्यक सभी प्रारंभिक सामग्री बीजों में होती है। इस कारण से बीज बेहद पौष्टिक होते हैं। फाइबर का एक बेहतर स्रोत माने जाने वाले बीजों में स्वस्थ मोनोअनसैचुरेटेड फैट, पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और कई महत्वपूर्ण खनिज, एंटी ऑक्सीडेंट तथा विटामिन मौजूद होते हैं। बीजों को अपने आहार का हिस्सा बना लिया जाए, तो यह रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते हैं।तो आइए जानते हैं पोषण और स्वास्थ्य लाभों से युक्त कुछ ऐसे ही बीजों के बारे में जिन्हें आप खा सकते हैं...

1. तिल
तिल में जिस तरह के पोषक तत्व होते हैं। लिग्नान के सबसे अच्छे ज्ञात स्रोतों में से एक तिल में बहुत सारे लिग्नान होते हैं, विशेष रूप से एक जिसे सेसमिन कहा जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, तिल के बीज से सेसमिन, आंत बैक्टीरिया द्वारा एक अन्य प्रकार के लिग्नान में बदल सकता है, जिसे एंटरोलैक्टोन कहते हैं। एंटरोलैक्टोन, सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन की तरह काम कर सकता है। आपको बता दें कि, शरीर में लिग्नान के सामान्य से कम स्तर होने पर हृदय रोग और स्तन कैंसर जैसे रोगों का खतरा हो सकता है।

एक रिसर्च में माना है कि, मोनोपॉज के बाद जो महिलाएं पांच हफ्ते तक 50 ग्राम तिल का पाउडर खाती हैं, उनमें रक्त कोलेस्ट्रॉल काफी कम होने के साथ सेक्स हार्मोन की स्थिति में सुधार होता है। इसके अलावा तिल सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। ज्ञान अध्ययन के अनुसार, घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले लोगों में दो महीने तक प्रतिदिन लगभग 40 ग्राम तिल पाउडर के सेवन के बाद उनके रक्त में भड़काऊ रसायन काफी कम थे।

आप 15-25 ग्राम काले तिल का सेवन प्रतिदिन सुबह चबाकर पानी के साथ कर सकते हैं। इससे हड्डियां मजबूत होने के साथ बाल भी सुंदर बनते हैं। जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती हो, उन्हें एक चम्मच तिल को देसी घी में मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाना चाहिए। हालांकि तिल के बीच हजम करने के लिहाज से भारी होते हैं।

 

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2. चिया बीज
कई अध्ययनों से पता चला है कि, चिया बीज के सेवन से खून में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड बढ़ सकता है। एएलए एक महत्वपूर्ण ओमेगा-3 फैटी एसिड है, जो सूजन कम करने में मदद करता है। आपका शरीर एएलए को अन्य ओमेगा-3 वसा में जैसे 'ईकोसापेंटेनोइक एसिड' (ईपीए) और 'डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड' (डीएचए) में बदल सकता है, जो कि तैलीय मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड हैं।

इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए भी चिया सीड्स मदद कर सकते हैं। खाना खाने के पश्चात रक्त शर्करा को कम करने के लिए साबुत और पिसे हुए चिया बीज समान रूप से प्रभावी होते हैं। चिया बीज खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है जिससे हम अनावश्यक खाने से बच सकते हैं। यही नहीं चिया बीज हृदय रोग के जोखिम कारकों को भी कम कर सकते हैं।

आप सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं। चिया सीड्स का सेवन दही या फलों के साथ अथवा इसे नारियल पानी या नींबू पानी में डालकर भी पी सकते हैं। चिया सीड्स द्वारा स्मूदी, आईस टी, पुडिंग, चिया योगर्ट, क्विनोआ चिया सलाद, प्रोटीन बार, पेनकेक, शेक बनाकर भी सेवन किया जा सकते हैं।

 

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3. अलसी के बीज
अलसी अल्फा-लिनोलेनिक एसिड का एक मुख्य स्रोत है। फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए अलसी का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा अलसी के सेवन से आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व जैसे आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम आदि भी प्राप्त होते हैं। अलसी के बीज में मौजूद खनिजों और न्यूट्रिशन से पेट में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। अलसी में कई अलग-अलग पॉलीफेनोल्स भी होते हैं, मुख्यतः लिग्नांस, जो कि आपके शरीर में महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं।

अलसी में मौजूद लिग्नान, फाइबर और ओमेगा-3 वसा हृदय रोगों के लिए कोलेस्ट्रॉल जैसे अन्य जोखिम वाले कारकों को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, अलसी के सेवन से खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर औसतन 10 मिलीमोल/लीटर कम हो जाता है। यही नहीं अलसी उच्च रक्तचाप और ब्लड शुगर लेवल को कम करने में भी सहायक है। जिससे मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।

आप एक दिन में 25 ग्राम अलसी के सेवन से सभी आवश्यक पोषक तत्व ग्रहण कर सकते हैं। याद रखें कि कच्ची या अधपकी अलसी अलसी में विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं अथवा इसके बीजों को साबुत खाने से बचना चाहिए, क्‍योंकि आंतें इसके पोषक तत्‍वों को सोख नहीं पाती हैं। अलसी के बीजों को भूनने के बाद पीसकर खाना सही रहता है। आप रात को सोने से पहले भी अलसी के पाउडर को पानी के साथ सेवन कर सकते हैं इससे पाचन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।

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4. भांग के बीज
भांग के बीज शाकाहारी प्रोटीन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत हैं। दरअसल, इनमें 30% से ज्यादा प्रोटीन तथा साथ ही अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। भांग के बीज उन कुछ पौधों में से एक हैं जो पूर्ण प्रोटीन स्रोत हैं, यानी उनमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड पाए जाते हैं जो हमारा शरीर नहीं बना पाता है। यही नहीं भांग के बीजों की प्रोटीन गुणवत्ता अन्य पौधों के प्रोटीन स्रोतों की तुलना में काफी अच्छी होती है। भांग के बीज के तेल में ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा अनुपात लगभग 3:1 होता है।

इसके अलावा इन बीजों में गामा-लिनोलेनिक एसिड होता है, जो एक महत्वपूर्ण एंटी-इन्फ्लेमेटरी फैटी एसिड होता है। इस कारण से, बहुत से लोग हेंप सीड ऑयल सप्लीमेंट्स लेते हैं। एग्जिमा के लक्षणों में सुधार करने तथा हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहतर ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा खून में बढ़ाने के लिए भी इनका सेवन किया जाता है। एक शोध में पाया गया है कि, लगभग 20 हफ्ते तक हेंप सीड ऑयल सप्लीमेंट्स लेने के बाद एक्जिमा से ग्रस्त मरीजों को त्वचा का सूखापन और खुजली कम होती है।

अच्छे स्वास्थ्य कारण आप चाहें तो भांग के बीजों को कच्चा खा सकते हैं या फिर तलकर, भूनकर या पकाकर भी खा सकते हैं। आप इन बीजों को स्मूदी से लेकर सलाद, बेक किए हुए खाद्य पदार्थों अथवा करी वाली सब्जी तक हर चीज में डाल सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो खाना पकाने के लिए भांग के बीज के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं।

 

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