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वर्क फ्रॉम होम से पड़ा रीढ़ की हड्डी पर असर, पीठ-गर्दन दर्द की शिकायत बढ़ी

नई दिल्ली । कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढऩे के साइड इफेक्ट एक शोध में सामने आए हैं। इससे रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) को नुकसान पहुंच रहा है। रीढ़ को होने वाला किसी भी तरह का नुकसान इंसान को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है। शोध में खुलासा हुआ कि वर्क फ्रॉम होम करने वाले 41.2 फीसदी लोगों ने पीठ दर्द और 23.5 फीसदी ने गर्दन दर्द की शिकायत की।

रीढ़ को खतरे से बचा सकता है योग-
रिपोर्ट के मुताबिक लंबी बैठक के दौरान हर घंटे के बाद अगर 6 मिनट वॉक की जाए, तो रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा प्रतिदिन चाइल्ड पोज, कैट और काऊ पोज जैसे योगासन की भी सलाह दी गई है।

लगातार झुककर बैठने के खतरे-
लगातार झुककर बैठने से रीढ़ कीडिस्क सिकुडऩे लगती है। शारीरिक गतिविधियां कम होने से रीढ़ से जुड़े लिगामेंट टाइट होने से इनका लचीलापन घटता है। लंबी बैठक से पीठ दर्द व सर्वाइकल वर्टेब्रा में तनाव के कारण गर्दन में दर्द होने लगता है। कंधों और पीठ की मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचता है। मूवमेंट न होने पर मस्तिष्क में पहुंचने वाले रक्त व ऑक्सीजन की मात्रा घटती है।



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