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How To Increase Metabolism: मेटाबॉलिज्म बढ़ाना है, तो इन चीजों को करें आहार में शामिल

नई दिल्ली। How To Increase Metabolism: हमें स्वस्थ रखने के लिए शरीर का सही वजन, पौष्टिक आहार और अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी कारक बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में होने वाली चयापचय क्रियाएं जैसे रक्त संचार, भोजन को पचाना, श्वास लेना, शारीरिक तापमान नियंत्रण आदि सभी हमारे स्वास्थ्य के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। दरअसल हमारे शरीर में होने वाली कई गतिविधियां जो हमें स्वस्थ रखने का काम करती हैं, वह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी हुई हैं।

लेकिन वर्तमान में अस्त व्यस्त जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण कई बार मेटाबॉलिज्म का स्तर गड़बड़ा जाता है। आइए जानते हैं कि हम अपने आहार में किन चीजों को शामिल करके मेटाबॉलिज्म के स्तर को सही रख सकते हैं:

1. कॉफी
मेटाबॉलिज्म का स्तर सही रखने के लिए चाय के स्थान पर कॉफी पीना शुरू कर सकते हैं। कॉफी हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ाकर फैट ऑक्सीकरण की क्रिया को बढ़ाती है। अर्थात कॉफी पीने पर यह ऑक्सीजन के साथ मिलकर भोजन को ऊर्जा रूप में बदलती है और उसे वसा के रूप में जमा होने से बचाती है। एक अध्ययन के अनुसार अगर मोटापे से ग्रस्त लोग कैफीनयुक्त कॉफी का सीमित मात्रा में सेवन करते हैं, तो कुछ हद तक मोटापे पर नियंत्रण किया जा सकता है।

 

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2. फल
पोषक तत्वों से भरपूर फल और हरी सब्जियां खाना हमारी सेहत के लिए हमेशा से ही अच्छा रहा है। तथा एक अध्ययन के अनुसार, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए ताजे फल खाने के बहुत फायदे हैं। पानी, फाइबर और एंटी-ओबेसिटी गुणों से भरपूर कुछ फल मोटापा कम करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं। साथ ही इन्हें पचाना भी आसान होता है। ज्यादातर फलों को खाने के बाद हमें पेट भरा हुआ महसूस होता है और बार बार भूख नहीं लगती है। हालांकि इन फलों में कैलोरी और वसा की मात्रा कम होती है। लेकिन अगर आपको मधुमेह की शिकायत है तो पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लें। क्योंकि कुछ फलों में पाई जाने वाली शुगर की मात्रा के कारण मधुमेह के बढ़ने का खतरा हो सकता है।

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3. ग्रीन टी
मेटाबॉलिज्म की दर को बढ़ाने में ग्रीन टी का सेवन काफी अच्छा माना जाता है। क्योंकि इसमें मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मददगार एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट नामक एक तत्व पाया जाता है। जिससे डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा भी कम हो सकता है। इसके अलावा ग्रीन टी ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में भी सुधार कर डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही मोटापे को नियंत्रित करने के लिए ग्रीन-टी में एंटीओबेसिटी गुण भी मौजूद होता है।

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4. सूखे मेवे
सूखे मेवे खाना भी मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने वाले के कारणों जैसे मेटाबोलिक सिंड्रोम और अधिक मोटापा को कम करने में मदद कर सकता है। आप सुबह नाश्ते में रात को भिगोए हुए 4-5 बादाम का खा सकते हैं अथवा दही के साथ बिना नमक वाले पिस्ता या कुछ अखरोट का भी सेवन कर सकते हैं। मेटाबोलिज्म की दर को कम करने में मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक कारण हो सकता है। क्योंकि मेटाबोलिक सिंड्रोम से दिल से जुड़ी बीमारियां, टाइप-2 डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

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5. फुल फैट दही
दही का सेवन हमारे पाचन और इंटेस्टाइन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। क्योंकि दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो आपकी भूख को नियंत्रित करने और रक्त शर्करा स्तर को भी संतुलित करते हैं। इसलिए आप दही का सेवन ऊर्जा को संतुलित रखने, वजन नियंत्रण में और टाइप 2 डायबिटीज से निपटने के लिए कर सकते हैं।

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6. खूब पानी पीना
एक अध्ययन के अनुसार 500 मिलीलीटर पानी मेटाबॉलिक दर में 30% तक इजाफा कर सकता है और जिससे ऑक्सीडेशन कम होता है। इसलिए अगर आप वजन कम करना चाहते हैं और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाना चाहते हैं, तो दिन में कम से कम 2 लीटर पानी पीना बहुत कारगर हो सकता है।

 

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