इन समस्याओं में ठंडा पानी पीने से बढ़ जाती है परेशानी
आयुर्वेद में लिखा गया है कि किन लोगों को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसे लोग, जिनकी पसलियों में हमेशा दर्द रहता, गले में संक्रमण, जुकाम, सर्दी या नया बुखार है तो ठंडा पानी नहीं पिएं। इसी तरह 80 प्रकार के वात रोगियों को भी ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए। इसमें गठिया और पेट से जुड़े रोग आते हैं। दमा (अस्थमा) रोगी, जिनको खाने की इच्छा नहीं होती या फिर जिन्हें हिचकी आती है उन्हें भी ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। इससे परेशानी बढ़ती है। आयुर्वेद की क्रिया पंचकर्म कराने के बाद भी ठंडा पानी पीने को नहीं दिया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को कई तरह की बीमारी हमेशा के लिए हो सकती है। फोड़े-फुंसी में भी पीने से बचें।
ठंडा पानी पीने से खून की नलियों में संकुचन होता है। इससे खून का बहाव प्रभावित होता है। इससे मेेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया धीमी होने से कई समस्याएं होती हैं।
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