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Economic Package: लोगों के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज का मतलब क्या है? समझिए पूरी गणित

नई दिल्ली।
कोरोना ( coronavirus ) महामारी ने ना सिर्फ इंसानों को बल्कि देश की अर्थव्यवस्था ( Economy ) को भी जोरदार झटका दिया है। पिछले 50 दिनों से चल रहे लॉकडाउन ( Lockdown 3.0 ) में सबकुछ ठप पड़ा है। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े उद्योगों तक बंद है, ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) पूरी तरह तहस नहस हो चुकी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) ने अर्थव्यवस्था को संजीवनी के रूप में 20 लाख करोड़ के महापैकेज ( 20 Lakh Crore Package ) की घोषणा की है। यह भारत की जीडीपी ( India GDP ) के 10 फीसदी के बराबर है।

राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इस विशेष पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून पर जोर दिया जाएगा। 20 लाख करोड़ रुपए ( Economic Package ) का ये पैकेज देश की विकास यात्रा को एक नई गति देगा। वहीं, आर्थिक पैकेज की विस्तार से जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( finance minister Nirmala Sitharaman ) बुधवार को यानी आज बताएंगी। 20 लाख करोड़ के पैकेज को किन-किन क्षेत्रों में कैसे इस्तेमाल किया, इसकी पूरी जानकारी आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी। आइए उससे पहले समझने की कोशिश करते है 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की पूरी गणित।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान, भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प

20 lakh crore package means for people details of economic package

देश की GDP का 10 फीसदी आर्थिक पैकेज
भारत की अर्थव्यवस्था 200 करोड़ रुपये की है। इसका 10 फीसदी हिस्सा यानी 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा हुई है। भारत ने साल 2020-21 के लिए बजट करीब 30 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया है। मोदी के अनुसार, देश के विभिन्न वर्गों को इस पैकेज का सपोर्ट मिलेगा। ये आर्थिक पैकेज कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, हमारे एमएसएमई के लिए हैं। आपको बताते चले कि इन सब उद्योगों पर करोड़ों लोगों की आजीविका निर्भर करती है। इस पैकेज से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मज़बूती मिलेगी।

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किन क्षेत्रों के लिए है आर्थिक पैकेज?
जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, ये आर्थिक पैकेज देश के श्रमिक, किसान के लिए है जो दिन रात परिश्रम कर रहा है। साथ ही उन मध्यम वर्ग के लिए है जो ईमानदारी से टैक्स देकर देश की विकास गति में योगदान देता है। आर्थिक पैकेज में उद्योग जगत को भी शामिल किया गया है।

किन लोगों को होगा फायदा?
सरकार ने अबतक के बड़े 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। इसमें से मार्च महीने में 1.70 लाख करोड़ रुपये, अप्रैल महीने में 1 लाख करोड़ और मई महीने में कुल 17.30 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। इस राहत पैकेज से 12 करोड़ बेरोजगारों, 10 करोड़ मजदूरों, MSME सेक्टर के 11 करोड़ कामगारों, टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के 3.8 करोड़ और टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े साढे 4 करोड़ लोगों को फायदा होगा।

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सरकार के पास कहां से आता है पैसा ?
सरकार के पास विभिन्न क्षेत्रों से आमदनी होती है। वित्त वर्ष 2019-20 की बात करें तो सरकार को प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष कर से 15.04 लाख करोड़ रुपये की आय हुई। इसी तरह कस्टम ड्यूटी मद में सवा लाख करोड़ रुपये और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी मद में करीब ढाई लाख करोड़ रुपये आए। इसी तरह सर्विस टैक्स के रूप में 1200 करोड़ रुपये और जीएसटी के रूप में 6.12 लाख करोड़ रुपये मिले। केंद्र शासित प्रदेशों के टैक्स से सरकार को 6884 करोड़ रुपये मिले।



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