मैच से पहले प्लेयर्स को 8 हफ्ते की ट्रेनिंग जरूरी, क्योंकि खिलाड़ी घोड़े की तरह, उन्हें कैद करके नहीं रख सकते: गेंदबाजी कोच अरुण
भारतीय गेंदबाजी कोच अरुण कुमार का कहना है कि कोरोनावायरस के बाद मैच में वापसी के लिए प्रोफेशनल खिलाड़ियों को करीब 8 हफ्ते कड़ी मेहनत करनी होगी। इसके बाद ही वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएंगे। अरुण ने कहा कि प्रोफेशनल खिलाड़ी दौड़ने वाले घोड़े की तरह होते हैं। दोनों को कैद करके नहीं रख सकते। घोड़े का काम दौड़ना और खिलाड़ियों का मैदान पर बेहतर प्रदर्शन करना होता है।
अरुण ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के कारण विश्व के लगभग सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। उनके पास करने के लिए कुछ नहीं रहता है। वे थोड़ा-बहुत ही फिटनेस वर्क पर काम कर सकते हैं। ऐसे में जीवन में निराशा आने लगती है, लेकिन इसके अलावा किसी के पास कोई विकल्प भी नहीं है।’’
टीम मैनेजमेंट ने ट्रेनिंग प्लान तैयार किया
अरूण ने कहा, मौजूदा स्थिति को देखते हुए मैच से पहले भारतीय क्रिकेटरों को 6 से 8 हफ्ते की ट्रेनिंग की जरूरत रहेगी। यही कारण है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ट्रेनिंग के लिए इतने ही समय का प्लान तैयार किया है। इसमें फिजिकल ट्रेनिंग और तकनीकी ट्रेनिंग शामिल हैं।
कई खिलाड़ियों के पास प्रैक्टिस के लिए जगह नहीं
गेंदबाजी कोच के मुताबिक, कई खिलाड़ी लॉकडाउन में अपने अपार्टमेंट में ही फंसे हुए हैं। जगह की कमी के कारण ठीक से फिजिकल वर्क पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। शमी लकी क्रिकेटर हैं, जिनके पास प्रैक्टिस के लिए जगह और सुविधा दोनों है। वे लॉकडाउन से पहले अपने गांव चले गए थे। जहां फार्म हाउस के खाली मैदान में प्रैक्टिस करते हैं। साथ ही स्विमिंग भी करते हैं।
शमी प्रैक्टिस के वीडियो भेजते हैं
अरुण ने कहा कि शमी उनके पास इन सबकी वीडियो भेजते हैं। उन्होंने शमी से हमेशा यही कहा है कि आप इसी तरह प्रैक्टिस करते रहो। आपका करियर 2-3 साल बढ़ जाएगा। अरुण ने कहा कि लॉकडाउन का सदुपयोग करके खिलाड़ी अपने करियर को 2 से 3 साल लंबा कर सकते हैं।
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