Yes Bank Effect: बाजार में सुनामी, 1100 अंक की गिरावट के साथ खुले बाजार
#CORONA के प्रकोप और यस बैंक संकट का असर बाजार में साफ दिख रहा है.
नई दिल्ली: कोरोना के प्रकोप और यस बैंक संकट का असर बाजार में साफ दिख रहा है. सोमवार को सेंसेक्स 1,129 अंक की गिरावट के साथ 36,476 पर खुला. लेकिन इसके बाद भी सेंसेक्स में गिरावट लगातार जारी है. सुबह 10.30बजे सेंसेक्स में 1,482 अंक की गिरावट दर्ज की गई. बाजार अभी 36,088 में चल रहा है. इसी तरह निफ्टी में भी भारी गिरावट का दौर जारी है. इसी तरह निफ्टी भी 10.30 बजे 414 अंक की गिरावट के साथ 10,575 पर मौजूद है. आर्थिक मंदी का डर और यस बैंक के बंद होने से निवेशकों में आई निराशा बाजार में पूरी तरह से छाई दिख रही है.
शुक्रवार को भी छाया था कोहराम
शुक्रवार को सुनामी बनकर टूटा. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 893.99 अंकों की गिरावट के साथ 37,576.62 पर और निफ्टी 289.45 अंकों की गिरावट के साथ 10,979.55 पर बंद हुआ. यस बैंक का शेयर 56% गिरा. बाजार खुलते ही भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को फिर कोहराम मच गया.
शुक्रवार को सुनामी बनकर टूटा. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 893.99 अंकों की गिरावट के साथ 37,576.62 पर और निफ्टी 289.45 अंकों की गिरावट के साथ 10,979.55 पर बंद हुआ. यस बैंक का शेयर 56% गिरा. बाजार खुलते ही भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को फिर कोहराम मच गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के वित्तीय संकट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं खाताधारकों आश्वासन दिलाना चाहती हूं कि आपका पैसा सुरक्षित है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने मुझे आश्वासन दिलाया कि जल्द से जल्द इसका समाधान हो जाएगा, कोई नुकसान किसी खाताधारक का नहीं होगा." सीतारमण ने कहा, "2014 तक UPA की सरकार के द्वारा फोन के द्वारा लोन उनको चाचा-भतीजे का कार्यक्रम जो हुआ, उसके कारण आज तक हमारे बैंक का सुधार करने की मेहनत हो रही है." RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है, "हमने 30 दिन की बाहरी सीमा दी है, और आप देखेंगे कि कैसे यस बैंक को पुनर्जीवित करने के लिए रिजर्व बैंक तेजी से कार्रवाई करेगा." हालांकि, इस बयान के बावजूद बाजार पर सकारात्मक असर नहीं दिखा.
खाड़ी देशों में बाजार ध्वस्त
तेल निर्यात देशों के संगठन ओपेक में कोरोना वायरस से उपजी परिस्थितियों से निपटने को लेकर सहमति नहीं बन पाने से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में प्राइस वार शुरू होने का डर पैदा हो गया और इसके कारण रविवार को खाड़ी देशों के शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई.
तेल निर्यात देशों के संगठन ओपेक में कोरोना वायरस से उपजी परिस्थितियों से निपटने को लेकर सहमति नहीं बन पाने से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में प्राइस वार शुरू होने का डर पैदा हो गया और इसके कारण रविवार को खाड़ी देशों के शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई.
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