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1973 में हैंडबॉल कोच ने बनाया था भारत का महिला क्रिकेट एसोसिएशन, टीम ने 3 साल बाद पहली टेस्ट सीरीज खेली



खेल डेस्क. दुनिया के कई देशों में पुरुष क्रिकेट की तरह ही महिला क्रिकेट का भी क्रेज बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की बात करें तो वुमन इंटरनेशनल क्रिकेट एसोसिएशन 1926 में बना। हालांकि, इस एसोसिएशन के बनने के बाद पहला महिला टेस्ट मैच 1934 में खेला गया। इस दौरान भारत में महिला क्रिकेट से जुड़ी गतिविधियां शुरू ही नहीं हुई थीं। करीब चार दशक बाद हमारे देश में महिला क्रिकेट से जुड़ी हलचल शुरू हुई।
भारतीय महिला क्रिकेट एसोसिएशन
बात 1973 की है। हैदराबाद में हैंडबॉल और सॉफ्टबॉल के एक कोच और प्रशंसक थे। नाम था महेंद्र कुमार शर्मा। एक बार उनकी कुछ स्टूडेंट्स ने लड़कों को क्रिकेट खेलते देखा। उन्हें पसंद आया तो वो भी खेलने चली गईं। बस, यहीं से शर्मा के दिमाग में महिला क्रिकेट एसोसिएशन बनाने का विचार जन्मा। इसी साल भारतीय महिला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WCAI) अस्तित्व में आया। शर्मा ने इंग्लैंड के महिला क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क किया। उनके प्रयास रंग लाए। कुछ महीने बाद इंटरनेशनल क्रिकेट एसोसिएशन ने भी डब्लूसीएआई को मान्यता दे दी।
पहला दौरा और बराबरी की टक्कर
1976 में वेस्ट इंडीज की महिला क्रिकेट टीम भारत दौरे पर आई। यह किसी भी विदेशी महिला क्रिकेट टीम का पहला भारत दौरा था। कुल 6 टेस्ट मैच इस सीरीज में खेले गए। तीसरा टेस्ट पटना में 25 हजार दर्शकों की मौजूदगी में खेला गया। इसे भारत ने जीता। हालांकि, छठवां और आखिरी टेस्ट जीतकर विंडीज ने सीरीज 1-1 से बराबर करा ली। इसके दो साल बाद यानी 1978 में दूसरे महिला विश्वकप का आयोजन भारत में किया गया। टीम इंडिया ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी।
फिर बदले हालात
1997 में भारत ने दूसरी बार महिला क्रिकेट विश्वकप की मेजबानी की। हमारी टीम सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 19 रन से हार गई। ईडन गार्डन्स में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल खेला गया। इसे करीब 80 हजार फैन्स ने देखा। 2005 में भारत ने पहली बार महिला विश्वकप फाइनल खेला। कप्तान थीं मिताली राज। उस वक्त राज 22 साल की थीं। 2006 में डब्लूसीएआई का विलय बीसीसीआई में हो गया। 2017 में भी टीम इंडिया विश्वकप के फाइनल में पहुंची। लेकिन, इंग्लैंड ने 9 रन से खिताबी जीत हासिल कर ली।
शांता रंगास्वामी
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान थीं शांता रंगास्वामी। अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में भारत की तरफ से पहला टेस्ट शतक भी शांता के ही नाम दर्ज है। 2017 में बीसीसीआई ने रंगास्वामी को लाइफटाइम अची‌वमेंट अवॉर्ड प्रदान किया था।


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India Women Cricket (IND W); Brief History (1973s – Today) - All You Need To Know About Shantha Rangaswamy


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