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भारतीय कपल में बढ़ रही है Infertility की समस्या, क्या कारण है और क्या हैं उपाय

Infertility in India :

Rising Infertility in Indian Couples : भारत में बच्चे पैदा करने में परेशानी का सामना करने वाले जोड़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह एक जटिल समस्या है जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. आइए इन कारणों को और उनके समाधानों को समझने का प्रयास करें।

शारीरिक कारण (Biological factors):

महिलाओं में इनफर्टिलिटी (Infertility in Women):

अंडाणु कम बनना (Reduced Egg Production):

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में अंडाणुओं का बनना कम होता जाता है। इससे गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है।

हार्मोन्स का असंतुलन (Hormonal Imbalance):

पीसीओएस (PCOS) जैसी स्थितियां हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती हैं, जिससे अंडाणु का निकलना (ovulation) रुक सकता है।

माहवारी में दिक्कत (Irregular Periods):

अनियमित या दर्दनाक माहवारी अंडाणु के निकलने में समस्या का संकेत हो सकती है।

गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब में समस्या (Uterine or Fallopian Tube Blockages): गर्भाशय में गांठें (fibroids) या फैलोपियन ट्यूब में रुकावट शुक्राणु को अंडाणु तक पहुंचने से रोक सकती हैं।

पुरुषों में इनफर्टिलिटी (Infertility in Men):

शुक्राणुओं की संख्या या गतिविधि कम होना (Low Sperm Count or Motility):

कम शुक्राणुओं की संख्या या उनकी कमजोर गतिविधि गर्भाधान में बाधा डाल सकती है।

शुक्राणुओं का आकार असामान्य होना (Abnormal Sperm Morphology):

असामान्य आकार के शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।

जीवनशैली कारण (Lifestyle factors):

गलत खानपान (Unhealthy Diet): संतुलित आहार न लेना, जरूरत से ज्यादा फैट और फास्ट फूड का सेवन प्रजनन क्षमता को कमजोर कर सकता है।

धूम्रपान (Smoking): सिगरेट पीने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।

शराब (Alcohol): ज्यादा शराब पीना शुक्राणुओं की संख्या और गतिविधि को कम कर सकता है।

व्यायाम की कमी (Lack of Exercise): नियमित व्यायाम न करने से वजन बढ़ सकता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।

प्रदूषण (Pollution): प्रदूषण के संपर्क में आने से हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं और शुक्राणुओं की गुणवत्ता कम हो सकती है।

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अन्य कारण (Other factors):

आनुवांशिक समस्याएं (Genetic Problems): कुछ आनुवांशिक रोग प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
देर से शादी करना (Late Marriage): उम्र बढ़ने के साथ प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।

क्या करें (What to Do):

समस्या जल्दी पहचानें (Early Diagnosis): अगर आप 35 साल से ऊपर हैं और 6 महीने से ज्यादा समय से गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लें। जल्दी जांच कराने से डॉक्टर समस्या की पहचान कर उसका इलाज कर सकते हैं।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं (Adopt a Healthy Lifestyle): संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें।

तनाव कम करें (Reduce Stress): तनाव प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है।



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