World down syndrome day : डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों के लिए वरदान है न्यूरोडेवलपमेंटल ट्रीटमेंट
World down syndrome day : डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) एक अनुवांशिक विकार है, जो हर साल लगभग एक हजार में से एक बच्चे को जन्म के समय प्रभावित करता है। भारत में, यह लगभग 30,000-35,000 बच्चों को जन्म के समय ही प्रभावित करता है। इस स्थिति में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को थोड़ी दिक्कतें आती हैं। हालांकि, न्यूरोडेवलपमेंटल ट्रीटमेंट (NDT) नामक एक खास उपचार इन बच्चों की काफी मदद कर सकता है।
विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) के बारे में जागरूक करना और इस स्थिति से ग्रस्त लोगों के साथ भेदभाव खत्म करना है। इस साल की थीम "एंड द स्टीरियोटाइप्स" (पूर्वाग्रहों को खत्म करो) है, जो समाज से इस धारणा को खत्म करने का आह्वान करता है कि डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चे कुछ खास चीजें ही सीख सकते हैं।
क्या है न्यूरोडेवलपमेंटल ट्रीटमेंट? What is Neurodevelopmental Treatment?
न्यूरोडेवलपमेंटल ट्रीटमेंट (NDT) बच्चों के समग्र विकास में मदद करने वाला एक व्यापक उपचार है। यह उपचार बच्चों की मोटर स्किल्स यानी शारीरिक क्रियाओं को करने की क्षमता, उनमें तालमेल बिठाने और उनके संपूर्ण शारीरिक विकास पर ध्यान देता है। साथ ही यह उन्हें जल्दी चीजें सीखने और खुद के काम खुद करने में सक्षम बनाता है, जिससे उनकी जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है।
एनडीटी उपचार कैसे काम करता है? How does NDT treatment work?
यह उपचार हर बच्चे के लिए अलग-अलग होता है। डॉक्टर बच्चों की जरूरतों और उनकी विकास क्षमता को ध्यान में रखते हुए उनके लिए एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करते हैं। इस उपचार में कई चीजें शामिल हो सकती हैं, जैसे:
व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां: बच्चों को उनकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने और उनमें लचीलापन लाने के लिए विशेष व्यायाम कराए जाते हैं।
खेल और मजेदार गतिविधियां: खेल-खेल में ही बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। इसलिए एनडीटी उपचार में ऐसे खेलों को शामिल किया जाता है, जिनसे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है।
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: आजकल आभासी या इंटरैक्टिव ऐप्स की मदद से भी बच्चों का उपचार किया जाता है। ये ऐप बच्चों को चीजें सीखने में आसानी प्रदान करते हैं।
विशेषज्ञों का समूह: एनडीटी उपचार में कई विशेषज्ञ मिलकर काम करते हैं। इसमें फिजियोथेरेपिस्ट, occupational therapist (जो रोजमर्रा के कार्यों को करने में मदद करते हैं), स्पीच थेरेपिस्ट और डॉक्टर शामिल हो सकते हैं। यह समूह मिलकर बच्चे के विकास पर नजर रखता है और जरूरत के अनुसार उपचार योजना में बदलाव करता है।
परिवार की भूमिका: माता-पिता और परिवार की भूमिका एनडीटी उपचार का एक अहम हिस्सा है। डॉक्टर माता-पिता को यह सिखाते हैं कि वे घर पर भी बच्चों के साथ किस तरह से व्यायाम कराएं और उनकी देखभाल करें। इससे बच्चों को जल्दी फायदा होता है।
NDT उपचार किसी भी उम्र के बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है। जितनी जल्दी इलाज शुरू किया जाता है, बच्चों को उतना ही ज्यादा लाभ मिलता है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/a4CL07u
Post a Comment