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आशावादी होना अच्छा है, लेकिन ज्यादा भी अच्छा नहीं: अध्ययन

एक नए अध्ययन से पता चला है कि अत्यधिक आशावाद खराब निर्णय लेने का कारण बन सकता है, जिसका विशेष रूप से लोगों की वित्तीय भलाई पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

लंदन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग अधिक आशावादी होते हैं, वे कम संज्ञानात्मक कौशल वाले होते हैं, जो निर्णय लेने की क्षमता से जुड़े होते हैं।

शोधकर्ताओं ने 36,000 से अधिक घरों से डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि जो लोग अधिक आशावादी थे, उन्होंने अपने वित्तीय भविष्य के बारे में अधिक सकारात्मक अपेक्षाएं रखीं। हालांकि, वास्तव में, उनके वित्तीय परिणाम उतने अच्छे नहीं थे।

उदाहरण के लिए, जो लोग अधिक आशावादी थे, उन्होंने सोचा कि वे भविष्य में अधिक पैसे कमाएंगे, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ। वे यह भी सोचते थे कि वे भविष्य में कम जोखिम लेंगे, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि आशावाद हमेशा अच्छी चीज नहीं होती है। कुछ मामलों में, यह खराब निर्णय लेने का कारण बन सकता है।

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि आप कैसे अधिक यथार्थवादी बन सकते हैं और खराब निर्णय लेने से बच सकते हैं:

अपने वित्तीय लक्ष्यों के बारे में सोचें और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा।
अपने वित्तीय स्थिति का सावधानीपूर्वक आकलन करें।
जोखिम और अनिश्चितता के बारे में सोचें।
अपने निर्णय लेने पर दूसरों से सलाह लें।
सकारात्मक सोच एक अच्छा गुण है, लेकिन जब यह अति हो जाती है, तो यह नुकसान पहुंचा सकती है। अधिक यथार्थवादी होने का प्रयास करके, आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं और अपने वित्तीय भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।



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