ब्रेन पर इफेक्ट डाल सकता है क्लाइमेट चेंज
स्टडी के मुताबिक ब्रिटेन में जिनेवा, न्यूयॉर्क, शिकागो, वाशिंगटन, स्टैनफोर्ड, एक्सेटर विश्वविद्यालयों और बर्लिन में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट की टीमों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की घटनाएं ब्रेन की संरचना, कार्य और समग्र स्वास्थ्य को बदल सकती हैं, जबकि यह मूल्यांकन करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि यह भलाई और व्यवहार में परिवर्तनों को कैसे समझा सकता है।
बदल सकता है सोचने का तरीका
पेपर के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के बारे में हमारे सोचने के तरीके, हमारे निर्णय और हमारी प्रतिक्रिया के तरीके को प्रभावित करने में तंत्रिका विज्ञान किस भूमिका निभा सकता है। बदलता पर्यावरण ब्रेन में बदलाव ला सकते है। 1940 के दशक से वैज्ञानिकों ने चूहों के अध्ययन से जाना है कि बदलते पर्यावरणीय कारक मस्तिष्क के विकास और लचीलेपन को गहराई से बदल सकते हैं।
विषैले पदार्थों के सम्पर्क में आ रहे हैं हम
शोध में मनुष्यों में भी यह प्रभाव देखा गया है कि मस्तिष्क प्रणालियों में गड़बड़ी पाई गई है, जिसमें संज्ञानात्मक उत्तेजना की कमी, विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना, खराब पोषण और बचपन में तनाव बढ़ना शामिल है। हालांकि पूरी तरह से आश्चर्य की बात नहीं है, नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित नया शोध उस गहरे प्रभाव को उजागर करता है जो किसी के पर्यावरण का उनके मस्तिष्क पर हो सकता है।
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