Header Ads

गर्दन में होता है खिंचाव, कहीं आपको तो नहीं है 'टेक्स्ट नेक' सिंड्रोम

हमारी गर्दन हर समय एक्टिव रहती हैं, काम करते समय या सोते समय वह काम करती है। इसका आपके पूरे जीवन पर असर पड़ता है। लेकिन तनाव और बदलती लाइफस्टाइल के कारण गर्दन में दर्द की समस्या बेहद आम हो जाती है। इसके प्रति गंभीरता दिखाना बहुत जरूरी है, नहीं तो समस्या और भी बढ़ सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्दन में दर्द किसी एक कारण से नहीं होता, बल्कि इसके कई कारण होते हैं।

असामान्य तरीके से सोना
यदि आपकी गर्दन में कोई अकड़न है, तो आपको जागने पर ही इसका पता चल जाता है। हो सकता है कि आप कुर्सी या सोफे पर सो गए हों या आपने अलग तकिया इस्तेमाल किया हो। यह स्थिति गलत तरीके से सोने के कारण होती है, जिससे आपकी गर्दन पर तनाव पड़ता है। यह बहुत सामान्य है और गंभीर नहीं है।

'टेक्स्ट नेक' सिंड्रोम
यह गर्दन में खिंचाव का एक अन्य रूप है, जो इस समय सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। स्मार्टफोन पर बहुत अधिक घंटे तक बैठे रहने से आपकी मांसपेशियों और टेंडन पर दबाव पड़ सकता है। किसी भी चीज़ पर बहुत अधिक समय बिताना गर्दन पर जोर डालता है।

कंधे या गर्दन पर चोट
कई बार चोट की वजह से भी गर्दन में दर्द शुरू हो जाता है। खेल खेलते समय या फिर कंधे व हाथ पर अचानक से कुछ गिरने की वजह से यह समस्या होती है। इससे गर्दन में दर्द कुछ मिनटों के लिए भी हो सकता है, या फिर कुछ दिनों के लिए भी।

मोच
कई बार गर्दन में मोच के कारण भी दर्द शुरू हो जाता है। अक्सर ऐसा किसी व्हीकल के ब्रेक लगने पर होता है। बच्चों में अक्सर खेलने के दौरान मोच जैसी उत्पन्न हो जाती है। गर्दन के दर्द के अलावा इससे सिरदर्द भी हो सकता है और पीठ के ऊपरी हिस्से या बाहों में झुनझुनी, सुन्नता या दर्द शुरू होता है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/pixRNoa

No comments

Powered by Blogger.