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सेहत का सुपरफूड, पुरानी से पुरानी बीमारियों से मिलेगी राहत, यदि खाएंगे इन सब्जियों के माइक्रोग्रीन्स

आप घर में आसानी से शलजम, मूली, ब्रोकली, फूलगोभी, गाजर, चार्ड, लेट्यूस, पालक, अमरंथ, पत्तागोभी और चुकंदर सहित कई सब्जियों के पौधे लगा सकते हैं, इनके माइक्रोग्रीन्स आसानी से उग जाते है। माइक्रोग्रीन्स में अपने परिपक्व पौधों की तुलना में पांच गुना से अधिक विटामिन और कैरोटीनॉयड होते हैं। यह बॉडी के लिए बेहद फायदेमंद साबित होेते है, खासकर यदि आपके शरीर में विटमिन्स की कमी है, तो नियमित रूप से माइक्रोग्रीन्स के सेवन से आपको फायदा होगा।

क्या होते हैं माइक्रोग्रीन्स
आपने देखा होगा जब हम किसी बीज को उगाते हैं, तो एक अंकुर फूटता है और जो पहली पत्तिया दिखाई देती हैं, वे बीज की पत्तियां होती हैं, फिर इसके बाद उगने वाली पत्तियों को माइक्रोग्रीन्स कहा जाता है, इन्हें मिट्टी और बिना मिट्टी के भी उगाया जा सकता है। इनकी कटाई तब की जाती है, जब वे कुछ हफ़्ते के हो जाते हैं। माइक्रोग्रीन्स स्प्राउट्स की तुलना में बढ़ने में थोड़ा अधिक समय लेते हैं। सुपरफूड के रूप में माइक्रोग्रीन्स को घर पर उगाया जाता है। यह बेबी ग्रीन्स स्वास्थ्य लाभ से भरपूर होते हैं और एंटीऑक्सिडेंट का बेहतर स्रोत होते हैं।

कैंसर कोशिकाओं से रोकथाम
माइक्रोग्रीन्स के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ है, विशेष रूप से यदि आप ब्रोकली के माइक्रोग्रीन्स का उपयोग करते हैं, तो इससे कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है। ब्रोकली में सल्फोराफेन अधिक मात्रा में होता है और शोध कहते है कि सल्फोराफेन कैंसर को रोकने में सहायक है। इसके अलावा पुरानी से पुरानी बीमारी में भी इससे आराम मिलता है, यह वजन को भी नियंत्रित करती है।

पोषण में सुधार
नियमित रूप से माइक्रोग्रीन्स के सेवन से पेट संबंधी समस्याओं से भी निजात मिलती है, इसमें अच्चे बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो आंतों को स्वस्थ्य बनाए रखते है। पालक और चुकंदर के माइक्रोग्रीन्स में प्रोटीन के गुण होते हैं, इन्हें किसी भी धूप और वायु प्रवाह वाले स्थान पर उगाया जा सकता है।

सलाद में भी उपयोगी
माइक्रोग्रीन्स का उपयोग सलाद में भी किया जा सकता है। बिटामिन ए, बीटा कैरोटीन, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के और एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होने के चलते नियमित रूप से सलाद में इसे खा सकते हैं। ये स्वाद में भी बेहद स्वादिष्ट होते हैं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।



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