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हवा में घुला जहर बिगाड़ रहा हार्मोनल संतुलन, मासिक चक्र हो रहा बाधित, कम हो रहे प्रेग्नेंसी के चांस

विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण हर आयुवर्ग के लोगों पर असर पड़ता है। हवा में जहर अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के प्रभाव डालता है। सांस लेने में तकलीफ, सिर में तेज दर्द, ब्रोंकाइटिस से लेकर इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। प्रदूषण के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड, सीसा, कण प्रदूषण, नाइट्रोजन ऑक्साइड शरीर के अंदर जाते हैं और कई तरह की समस्याएं खड़ी कर देते हैं। दूसरी ओर, इसका महिलाओं पर भी खतरनाक असर हो सकता है, खासकर रिप्रोडक्टिव सिस्टम बाधित हो सकता है। शोध से पता चला है कि प्रदूषण से हार्मोन असंतुलन हो सकता है, जिसका सीधा असर प्रजनन प्रक्रिया पर पड़ता है। ऐसे में प्रदूषण से बचाव के साधन अपनाने चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में छह में से एक महिला को गर्भवति होने में कठिनाइयों का अनुभव होगा। भारी धातुओं और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) जैसे कई वायु प्रदूषकों को हार्मोन असंतुलन से जोड़ा गया है।

भ्रूण को नुकसान
गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशु पर भी प्रदूषित हवा असर डालती है। महिलाओं में गर्भावस्था संबंधित जटिलताएं देखने को मिलती हैं। इससे प्रीमैच्योर बेबी के जन्म की संभावना रहती है और शिशु के विकास पर भी असर पड़ता है। वहीं प्रदूषण से शिशुओं में श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती है, यह स्थिति बेहद गंभीर होती है।

हानिकारक गैसों के सम्पर्क के नुकसान
हवा में मिली हानिकारक गैसों के सम्पर्क में आने से महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाइयों का अनुभव होने की अधिक संभावना होती है। उनका मासिक धर्म चक्र अनियमित हो जाता है। हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)
पिछले सालों में महिलाओं मे पीसीओएस सिंड्रोम की परेशानियां बहुत तेजी से बढ़ी है, इसे भी वायु प्रदूषण से जोड़ कर देखा जा सकता है। ये भी परेशानी हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। वहीं जल प्रदूषण मासिक धर्म स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।



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