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आयुर्वेद से मधुमेह को जड़ से खत्म करें, ये 5 उपाय अपनाएं

मधुमेह (डायबिटीज) में शरीर की रक्त शर्करा संतुलित रखने की क्षमता प्रभावित होती है। ऊर्जा में कमी होती है। दिल, आंख, गुर्दे, नसों आदि अंगों में समस्या की आशंका रहती है। जानते हैं आयुर्वेद से कैसे बचें।


दिनचर्या व आहार

आयुर्वेद में समय पर उठने, सोने और भोजन लेने की सलाह दी जाती है। व्यायाम, योग-ध्यान भी मधुमेह के प्रबंधन में सहायक होते हैं। आहार में फल, सब्जियां, साबूत अनाज और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ शामिल करें। मिठाई, चीनी, शर्करा आदि को आहार में शामिल करने से बचें।

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प्राणायाम व योग

अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी, उज्जायी और नाड़ी शोधन प्राणायाम आदि प्रभावी हैं योगाभ्यास में पद्मासन, वज्रासन, शलभासन, पश्चिमोत्तानासन, धनुरासन, वक्रासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन, हलासन, सर्वांगासन, शवासन जैसे आसन रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं।


आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह

आयुर्वेद के अनुसार प्राकृतिक औषधियों, आहार, प्राणायाम और योग उपयोगी है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में मधुमेह को 'मदुमेह' या 'प्रमेह' के नाम से जाना जाता है और इसे त्रिदोषज रोग माना जाता है, जिसमें वात, पित्त और कफ दोष के असंतुलन की समस्या होती है।


ये उपाय अपनाएं

- कॉपर के बर्तन से पानी पीने से ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव को रोका जा सकता है।

- नियमित रात में भिगोई हुई मेथी सुबह खाली पेट खाएं और इसका पानी पीएं। इसे अंकुरित भी खा सकते हंै।

- कड़वी चीजें जैसे जामुन, करेला, आंवला, एलोवेरा जूस ले सकते हैं।

- डेयरी उत्पादों की बजाय बादाम/सोया/स्किम्ड मिल्क और कम वसा वाला दही लेें।

- किचन के मसालों में एंटी डायबिटीक गुण पाए जाते हैं। खासकर हल्दी, सरसों, हींग, दालचीनी और धनिया से भी शुगर नियंत्रित होता है।

- सुबह खाली पेट लौकी का जूस पी सकते हैं। इसमें आंवला या करेला का जूस भी मिला सकते हैं। गेंहू की जगह मोटे अनाज खाएं।

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इनका ध्यान रखें

- हाई कैलोरी, सैचुरेटेड व ट्रांस फैट वाली चीजें कम से कम ही लें।

- मधुमेह का एक अहम कारण तनाव है। तनाव कम करें। इसके साथ ही दिनचर्या सही रखेंं।

- वजन नियंत्रित रखें। 10 फीसदी वजन घटाकर आप अपना शुगर लेवल 4-5 पॉइंट तक कम कर सकते हैं।

- नियमित शुगर की जांच करें। अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार नियमित रूप से अपनी स्थिति की जांच कराएं और उनके द्वारा सुझाए गए उपचार का पालन करें।

डॉ. मनोज शर्मा, वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ, नई दिल्ली



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