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डायबिटीज से बचना है तो हर बार खाने के बाद सिर्फ 10 मिनट टहलें, रहेंगे फिट

Walking benefits in Diabetes: कई रिसर्च से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि खाने के तुरंत बाद लेटने या सोने से डायबिटीज का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। इससे बचने या नियंत्रित रखने के लिए उपयुक्त आहार के साथ ही व्यायाम भी जरूरी है। इसी तरह जो लोग खाने के बाद 10 मिनट भी हल्की वॉक करते हैं तो उसमें डायबिटीज होने की आंशका भी घटती है। वहीं डायबिटीज के मरीज नियमित रूप से 40-45 मिनट का वॉक करते हैं तो उनमें शुगर का स्तर भी नियंत्रित रहता हैं।


खाने के बाद टहलना अधिक फायदेमंद?
हार्मोन रोग विशेषज्ञ, डॉ. बलराम शर्मा के अनुसार, नियमित वॉक भी जरूरी है, लेकिन हर बार खाने के बाद 10 मिनट वॉक करना भी ज्यादा फायदेमंद है। डायबिटोलॉजिया रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, खाने के बाद 10 मिनट टहलने वालों को किसी और समय एक बार में 30 मिनट की वॉक करने वालों के मुकाबले कहीं ज्यादा फायदा होता है। यह शरीर में ब्लड ग्लूकोज स्तर सही रखने में उपयोगी होता है।

 

वॉक से ऐसे बैलेंस होता है ग्लूकोज का स्तर
शरीर को आराम के दौरान ज्यादा ऊर्जा की जरूरत नहीं होती, लेकिन जब वॉक करते हैं तो शरीर में ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है। ऊर्जा की पूर्ति के लिए मांसपेशियां, खून में मौजूद ग्लूकोज का उपयोग करने लगती हैं। शरीर में ऊर्जा की जरूरत पूरी करते रहने के लिए दिल की धड़कनों की रफ्तार बढ़ जाती है, ताकि पूरे शरीर में ज्यादा खून पहुंच सके।

 

क्या बढ़ जाता है खाने के बाद शुगर लेवल?
खाने के बाद खून में ग्लूकोज का स्तर अचानक से बढ़ता है। इसे नियंत्रित करने के लिए शरीर में इंसुलिन का रिसाव भी बढ़ता है। सामान्य व्यक्ति के लिए कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन शुगर रोगियों के लिए यह स्थिति आसान नहीं होती। एक रिसर्च के अनुसार, खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलने से ब्लड शुगर लेवल 12% तक कम हो जाता है।

 

क्यों कहते हैं रात में खाने के बाद जरूर टहलें?
ऐसे तो हर बार खाना खाने के बाद टहलना चाहिए, लेकिन किसी वजह से हर बार खाने के बाद न टहल सकें तो रात में खाने के बाद 10 मिनट की वॉक करने की कोशिश करें। रात में खाने के बाद वॉक ज्यादा फायदेमंद है। डिनर के बाद 10-15 मिनट की वॉक से शरीर का मेटाबोल्जिम बढ़ जाता है। शुगर लेवल में 20-25त्न तक कमी हो सकती है।

 

ऐसे भी नियंत्रित रहता है मधुमेह

स्टीफन गुइज ने अपनी किताब 'मिनी हैबिट्स- स्माल हैबिट्स, बिगर रिजल्टÓ में लिखा है, "एक छोटी-सी आदत एक तरह का अच्छा बर्ताव होती है। इसका कोई विकल्प नहीं होता है। खाना खाने के बाद नियमित रूप से वॉक करें। ऑफिस में है तो 10 मिनट टहलें या सीढिय़ा चढ़ें-उतरें।

 

बैठने वाला काम है तो हर थोड़ी देर में ब्रेक लें
स्पोट्र्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक मेटा-विश्लेषण ने हृदय स्वास्थ्य, इंसुलिन और रक्त शर्करा के स्तर पर बैठे रहने और खड़े होने/चलने के प्रभाव की तुलना की है। स्टडी में पाया गया कि लंबे समय तक बैठे रहने की जगह अगर हर थोड़ी देर में ब्रेक लेकर चलें। स्टडी में पाया कि अगर आप दिनभर में 10 मिनट ब्रेक भी लेते हैं तो कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन, ग्लूकोज, ट्राइग्लिसराइड्स व कमर के आकार पर सकारात्मक असर पड़ता है।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।



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