Header Ads

रिपोर्ट : स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार है गड़बड़ जीवनशैली, ऐसे हो सकता है कम खतरा

Breast cancer occurs due to unhealthy lifestyle : स्तन कैंसर मुख्य रूप से पश्चिमी देशों की गड़बड़ जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारी है। मगर कुछ उपायों से इसे रोका जा सकता है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

स्तन कैंसर (Breast cancer) दुनिया भर में महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। विश्‍व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2020 में 20 लाख से अधिक महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast cancer) का पता चला और इसमें 6 लाख से अधिक महिलाओं की जान चली गई।

Breast cancer causes : भारत में महिलाओं में कैंसर का प्रमुख कारण स्तन कैंसर है।

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में भारत में दो लाख से अधिक महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast cancer) का निदान होने का अनुमान लगाया गया था। अनुमान है कि 76,000 से अधिक मौतें हुईं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में यह संख्या बढ़कर 2.3 लाख से अधिक होने की उम्मीद है।

यह भी पढ़े-सुबह की शुरुआत करें इन 4 मॉर्निंग ड्रिंक्स के साथ , तेजी से कम होगा वजन

पारस हेल्थ गुरुग्राम की उपाध्यक्ष और एचओडी मेडिकल ऑन्कोलॉजी और हेमेटोलॉजी डॉ. ज्योति वाधवा ने आईएएनएस को बताया, “स्तन कैंसर (Breast cancer) महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौतों का सबसे आम कारण है। 10 प्रतिशत तक मामलों को वंशानुगत कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, स्तन कैंसर (Breast cancer) मुख्य रूप से जीवनशैली से संबंधित बीमारी है। बढ़ती आयु, पहले बच्चे के जन्म के समय ज्‍यादा उम्र, कमजोरी, मोटापा और शराब के सेवन के साथ कुछ अन्‍य महत्वपूर्ण जोखिम इसके कारक हैं।''

डॉ. वाधवा ने कहा, ''इसके अलावा युवा महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast cancer) अधिक आक्रामक और अक्सर ट्रिपल नकारात्मक प्रकार का होता है, जिसके बदतर परिणाम होते हैं।

एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल्स द्वारका के एचओडी और सलाहकार, मेडिकल हेमाटो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पीयूष बाजपेयी ने कहा,“स्तन कैंसर के बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमने पश्चिमी जीवनशैली अपना ली है, जिसमें मोटापा, तनाव, धूम्रपान की आदतें, शराब या फास्ट-फूड जैसी आदतें शामिल हैं। इसके अलावा अल्ट्रा प्रोसेस्ड भोजन भी इसमें लिए जिम्‍मेदार है।''

यह भी पढ़े-नीम पत्तियों में हैं चमत्कारिक ताकत: दिन में सिर्फ इतनी पत्तियां की खाएं

एम्स के एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि दिल्ली में 30 प्रतिशत स्तन कैंसर (Breast cancer) 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में पाए जाते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में 1 लाख लोगों में से अनुमानित 35 महिलाओं को स्तन कैंसर था, जबकि 17 पुरुषों को फेफड़ों का कैंसर था। यह आंकड़ा 2022 में तेजी से बढ़ गया और 34.9 प्रतिशत स्तन कैंसर के साथ 2,657 से 3,611 हो गया।

डॉ. बाजपेयी ने कहा, ''शोध से पता चला है कि जीवनशैली में कुछ बदलाव महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast cancer) के खतरे को कम कर सकते हैं। हालांकि कुछ महिलाओं में दर्द रहित गांठ जैसे लक्षण सामने आते हैं और भारत में लोगों का निदान आमतौर पर देर से होता है।

डॉक्टरों ने बीमारी का पता लगाने के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की नियमित जांच के साथ-साथ स्व-स्तन परीक्षण को भी एक महत्वपूर्ण उपकरण बताया।

कैंसर संस्थान मेदांता के वरिष्ठ निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया, “स्तन कैंसर में कैंसर के चरण के आधार पर विभिन्न प्रकार के लक्षण हो सकते हैं, जिसमें स्तन में गांठ, स्तनों के आकार और स्वरूप में बदलाव, लाली, निपल की उपस्थिति में बदलाव, निपल से तरल पदार्थ या रक्त का स्त्राव और स्तन में दर्द होना शामिल है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "शराब को सीमित करना, स्वस्थ वजन बनाए रखना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, हार्मोनल थेरेपी या गर्भ निरोधकों से परहेज करना, स्तनपान कराना, धूम्रपान से परहेज करना और संतुलित आहार खाने से निश्चित रूप से स्तन कैंसर (Breast cancer) का खतरा कम हो सकता है।"

विशेषज्ञों ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच पर्याप्त पोषण सेवन की कमी के साथ-साथ स्तन कैंसर (Breast cancer) के लक्षणों के बारे में कम जागरूकता का हवाला दिया।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/Y7IhpCl

No comments

Powered by Blogger.