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उम्र बढऩे के साथ ही समस्याएं भी बढऩे लगती हैं। अगर कुछ सावधानियां बरतते हैं तो अधिक उम्र में भी बुजुर्ग फिट रह सकते हैं। एक अक्टूबर को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। जानते हैं, अधिक उम्र में ज्यादातर किस तरह की समस्याएं आती हैं और उनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस
30 मिनट धूप में रोज बैठें
अधिक उम्र में कमजोर हड्डियों की समस्या आम है। इसे ऑस्टियो-पोरोसिस कहते हैं। इनमें कमर दर्द, गर्दन में दर्द, घुटनों में दर्द, बैक पेन हो सकता है। इसमें हल्की चोट से भी हड्डियां टूट जाती हैं।
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बचाव: डेयरी प्रोडक्ट ज्यादा लें। नॉनवेज खाते हैं तो अंडा ले सकते हैं। शरीर में विटामिन डी की कमी न हो, इसके लिए नियमित 30 मिनट धूप में बैठें। फिजिकिली एक्टिव रहें। जरूरत हो तो डॉक्टरी सलाह लें।
हाइ ब्लड प्रेशर
फिजिकली एक्टिव रहें
तनाव होने से उम्र बढऩे के साथ ज्यादातर व्यक्तियों में हाइ ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। इसका असर हार्ट, दिमाग, किडनी और कई महत्त्वपूर्ण अंगों पर पड़ता है।
बचाव: तनाव वाले कार्यों से दूर रहें। बिना वजह चिंता न करें। नमक कम खाएं। बीपी की मॉनिटरिंग जारी रखें। दवाइयां नियमित लें। नियमित योग-व्यायाम करें। फ्रेश फूड ही खाएं।
चोट लगना
सर्दी-खांसी की दवा लें तो...
वृद्धावस्था में बैलेंस बनाने में दिक्कत होती है। कई बार नींद या सर्दी-खांसी की दवा या नशे के प्रभाव से भी बुजुर्ग लडख़ड़ाकर गिर जाते हैं। ऐसे में हिप फ्रेक्चर होना आम बात है।
बचाव: छड़ी या वॉकर लेकर चलें। नींद या सर्दी-खांसी की दवा लेते हैं तो रात में बाथरूम जाने के लिए मदद लें। वजन नियंत्रित रखें।
डायबिटीज
चोट लगने से बचाएं
डायबिटीज भी बीपी की तरह बुजुर्गों में आम है। इसका असर दिमाग, आंखों और किडनी पर भी पड़ता है। अगर शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो चोट लगने पर ठीक नहीं होती है।
बचाव: इसमें डाइट की भूमिका अहम है। मीठा-हाई काब्र्स डाइट न लें। फास्ट फूड, ड्रिंक्स से दूर रहें। चोट लगने से खुद को बचाएं।
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मानसिक समस्याएं
अपने शौक पर ध्यान दें
वरिष्ठजनों में अकेलेपन के चलते सबसे अधिक समस्या डिप्रेशन के रूप में होती है। इससे ही पहले डिमेंशिया और फिर अल्जाइमर की समस्या होने लगती है।
बचाव: परिजन जिम्मेदारी समझें। उन्हें अकेला न छोड़ें। उन्हें समय दें और उनकी समस्या सुनें। उन्हें चेस या पजल्स जैसे गेम्स सिखाएं।
संक्रमण
इम्युनिटी पर
ध्यान दें
बुजुर्गों में निमोनिया या इन्फ्लूएंजा की समस्या भी अत्यधिक देखी जाती है। इम्युनिटी कम होने से फेफड़े ज्यादा कमजोर हो जाते हैं। मौसम या सर्द-गर्म से भी यह दिक्कत हो जाती है।
बचाव: जिस कमरे में रहते हैं, वह हवादार होना चाहिए। सीलन-नमी नहीं होनी चाहिए। बदलते मौसम में गुनगुना पानी पीएं। अधिक उम्र के हिसाब से कुछ वैक्सीन लगवा सकते हैं।
दांतों की परेशानी
ओरल हाइजीन पर ध्यान दें
अधिक उम्र में दांतों की दिक्कत आम बात है। कई बार लोग दांत न होने पर ब्रश आदि नहीं करते हैं। ओरल हाइजीन पर ध्यान दें।
बचाव: अनिवार्य रूप से ब्रश करें। जीभ की सफाई करें। जो दांत बचे हैं, उनमें कैविटी न जमने दें। नकली दांतों वाला डेंचर काम में लेते हैं तो ध्यान रखें कि उससे चोट तो नहीं लग रही है। साल में एक बार डॉक्टर को दिखाएं।
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पाचन
चाय-कॉफी कम पीएं
बुजुर्गों में पाचन की दिक्कत अधिक होती है। कम पानी पीने से कब्ज की समस्या होती है।
बचाव: चाय-कॉफी कम पीएं। हल्का खाना खाएं। दिन में पानी खूब पीएं। फल-सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं। व्यायाम भी करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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