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जानिए एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के बढ़ने का कारण और इसका आसान इलाज

नई दिल्ली : लिवर से जुड़ी एक गंभीर स्थिति का नाम है फैटी लिवर की समस्या। फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से लिवर को गंभीर नुकसान होता है और यह स्थिति लिवर फेलियर की समस्या का कारण भी बन सकती है। इसके साथ ही खानपान की गलत आदतों और जीवनशैली से जुड़े कारकों की वजह से लोगों में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या भी हो सकती है। यह समस्या शराब का सेवन न करने वाले लोगों में तेजी से बढ़ रही है। आइये विस्तार से जानते हैं इस स्थिति के बारे में।

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज उन लोगों में ज्यादा होती है जो बिलकुल भी शराब का सेवन नहीं करते हैं। इस समस्या में मरीज के खानपान की वजह से उसके लीवर में अतिरिक्त चर्बी या फैट जमा हो जाता है और इसकी वजह से लिवर खराब हो जाता है। अगर इस समस्या का सही समय पर इलाज किया गया तो इसे कंट्रोल में कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है लेकिन इस समस्या में लापरवाही बरतने पर मरीज को लिवर फेलियर की समस्या भी हो सकती है। दिल्ली के मशहूर गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डॉ एस के गर्ग के मुताबिक यह समस्या खाने-पीने की आदतें, दवाओं के सेवन और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलत आदतों की वजह से हो सकती है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज भारत में डायबिटीज की तरह से तेजी से बढ़ रही है। फैटी लिवर की समस्या मुख्य रूप से तीन तरह की होती है - स्टीटोसिस जिसमें सूजन के बिना फैटी लीवर होता है  स्टीटोहैपेटाइटिस जख्म और सूजन वाला लिवर, जोकि शराब के सेवन से होता है) और तीसरा नॉन-एलकोहॉलिक स्टीटोहैपेटाइटिस या नैश। इनमें से नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज बहुत गंभीर मानी जाती है।

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के कारण

1. अधिक वजन या मोटापे की समस्या।
2. हाई ब्लड शुगर, प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज।
3. ट्राइग्लिसराइड्स।
4. निष्क्रिय जीवनशैली।
5. खानपान से जुड़ी गलत आदतें।
6. हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या।
7. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम।
8. अंडरएक्टिव थायराइड हाइपोथायरायडिज्म

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या में इलाज 

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या में इलाज मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। इस स्थिति में चिकित्सक लिवर की स्थिति की जांच करने के बाद मरीज को खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव की सलाह देते हैं। इस समस्या के शुरूआती लक्षण दिखने पर चिकित्सक से संपर्क करना फायदेमंद माना जाता है। इसके बाद जब धीरे-धीरे यह समस्या बढ़ने लगती है तो इसकी वजह से मरीज में अन्य गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं।

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या से बचाव  
खानपान में गड़बड़ी और जीवनशैली से जुड़ी कुछ गलत आदतों की वजह से लोगों में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या से बचाव के लिए आपको स्वास्थ्य जीवनशैली और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। आज के समय में प्रोसेस्ड और फास्ट फूड का सेवन अधिक होने की वजह से लोगों का लिवर इस समस्या का शिकार हो रहा है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या से बचाव के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. स्वस्थ आहार का सेवन करें - प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन और फल व सब्जियों के सेवन से यह समस्या कम हो सकती है।
2. स्वस्थ वसा का सेवन करें - हेल्दी फैट यानी स्वस्थ वसा का सेवन करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में फायदा मिलता है।
3. वजन को करें संतुलित - नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का एक बड़ा कारण आपका वजन भी है, इस 4. समस्या से बचाव के लिए वजन को संतुलित जरूर रखना चाहिए।
5. नियमित एक्सरसाइज - रोजाना व्यायाम और योगाभ्यास करने से आपको इस समस्या में फायदा मिलता है।



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