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कैसे करें सूर्य नमस्कार

नई दिल्ली। यूं तो हर प्रकार का योगा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है ।परंतु सूर्य नमस्कार एक ऐसा प्राणायाम है जिसमें आपके शरीर के हर अंग को एक्सरसाइज करने का पूर्ण समय मिलता है। सूर्य नमस्कार जैसे प्राणायाम को यूं तो सभी लोग अपने जीवन में अपना लेते हैं परंतु इसे करते वक्त कई सारे लोग गलतियां भी करते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको पूर्ण रूप से बिल्कुल सही तरीके से सूर्य नमस्कार करने के तरीके को बताने जा रहे हैं।

सूर्य नमस्कार को सुबह सुबह करना चाहिए। इस व्यायाम के दौरान सूर्य भगवान की पूजा की जाती है और इसे 12 चरणों के तहत किया जाता है। इन चरणों के अलग अलग नाम होते हैं और इनको अलग अलग तरह से किया जाता है।

प्रणामासन
खुले मैदान में योगा मैट के ऊपर खड़े हो जाएं और सूर्य को नमस्कार करने के हिसाब से खड़े हो जाएं। सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर सीने से सटा लें और गहरी, लंबी सांस लेते हुए आराम की अवस्था में खड़े हो जाएं।
हस्तउत्तनासन
पहली अवस्था में खड़े रहते हुए सांस लीजिए और हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। और पीछे की ओर थोड़ा झुकें।

पादहस्तासन
सूर्य नमस्कार की यह खासियत होती है कि इसके सारे चरण एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। हस्तोतानासन की मुद्रा से सीधे हस्त पादासन की मुद्रा में आना होता है।

अश्व संचालनासन
हस्त पादासन से सीधे उठते हुए सांस लें और बांए पैर को पीछे की ओर ले जाएं और दांये पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के दाहिने हिस्से से सटाएं।

surya-namaskar.jpg

दंडासन
गहरी सांस लेते हुए दांये पैर को भी पीछे की ओर ले जाएं और शरीर को एक सीध में रखे और हाथों पर जोर देकर इस अवस्था में रहें।
अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधोमुख शवासन,अश्व संचालासन, आदि सभी प्रणाम एक एक स्टेप करके सूर्य को नमस्कार देते हुए आपके पूरे शरीर को फ्लैक्सिबिलिटी और एक योग मुद्रा प्रदान करता है। हर प्राणायाम के अपने अलग फायदे हैं । खासकर सूर्य नमस्कार के तो कई सारे फायदे हैं मधुमेह ब्लड प्रेशर पीसीओडी कई सारे अन्य बीमारियों में भी सूर्य नमस्कार काफी लाभदायक है।



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