Header Ads

Alternate Nostril Breathing Exercise: अनुलोम-विलोम प्राणायाम द्वारा खुद को रखें स्वस्थ

नई दिल्ली। Alternate Nostril Breathing Exercise: अनुमोल का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नाक का दाहिना छिद्र और विलोम का अर्थ है नाक का बाया छिद्र। अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं तो बायी नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते हैं। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते हैं तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते हैं। अनुलोम-विलोम को 'नारी शोधक' भी कहते हैं।

व्यक्ति को अनुलोम-विलोम की शुरुआत हमेशा धीरे-धीरे सांस अंदर लेने और बाहर छोड़ने से करनी चाहिए। जब इस प्राणायाम का अभ्यास सहज होने लगे तब इसकी गति थोड़ी थोड़ी करके बढ़ानी होती है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते समय एक चीज का हमेशा ख्याल रखना चाहिए कि जिस गति से सांस शरीर के अंदर भरे, उसी समान गति से सांस शरीर से बाहर निकलनी चाहिए। अनुलोम-विलोम अभ्यास हर रोज 15 मिनट करने से खून साफ होता है और खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने के सही तरीका

  • किसी साफ जगह का चुनाव करें और वहां योग मैट या कोई साफ चादर बिछाएं।
  • अनुलोम विलोम का अभ्यास करने के लिए ध्यान की अवस्था में बैठ जाएं।
  • पालथी मारकर जमीन पर बैठकर, आंख बंद करें। कमर और स्पाइन को सीधा रखें और हाथों को घुटनों पर रखें।
  • शरीर को रिलैक्स रखें और गहरी सांस लेते रहें।
  • शुरुआत और अंत भी हमेशा बाय नथुने (नोस्टील) से ही करनी है।
  • नाक का दाया नथुना बंद करें व बाये से लंबी सांस लें।
  • फिर बाये को बंद करके, दाया वाले से लंबी सांस छोड़ें।
  • अब दया से लंबी सांस लें व बाये वाले से छोड़े।
  • यानी यह दाया-दया बाया-बाया यह क्रम रखना, यह प्रक्रिया 10-15 मिनट तक दुहराएं।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम के लाभ

  • फेफड़े शक्तिशाली होते हैं।
  • तनाव और चिंता को काम करता है।
  • हृदय मजबूत होता है।
  • मांसपेशियों की प्रणाली में सुधार करता है।
  • गठिया के लिए फायदेमंद है।
  • पूरे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
  • सर्दी जुकाम की शिकायतों से काफी हद तक बचाव होता है।
  • पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास करने से खून साफ होता है।
  • इसका नियमित अभ्यास खर्राटे लेने की समस्या से भी राहत दिला सकता है।
  • शरीर में खून के प्रभाव को सुधारने में मदद करता है।
  • यह प्राणायाम शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है।
  • शारीरिक तापमान को सही बनाए रखने में मदद करता है।
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम हार्ट के ब्लॉकेज को भी दूर कर सकता है।
  • जोड़ों के दर्द, गठिया रोग जैसे कष्टदायक बीमारियों में भी अनुलोम-विलोम प्राणायाम राहत प्रदान करता है।


from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3BgqIe4

No comments

Powered by Blogger.