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Chinese investment से फले फूले हैं India के ये 5 Startups

नई दिल्ली। चीन और भारत का रिश्ता ( Indo Sino Dispute ) काफी तल्ख दौर से गुजर रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद बिल्कुल भी सुलझने के मूड में नहीं है। ऐसे में भारत के लिहाज से देखें को काफी अहम मोड़ है। खासकर उन बड़ी कंपनियों के लिए जो कभी भारत में स्टार्टअप ( Indian Startups ) के तौर पर शुरू हुए थे, और आज अपने-अपने सेक्टर के जाएंट्स बन गए हैं। इन स्टार्टअप्स को खड़ा करने में चीनी कंपनियों ( Chinese Investment in Indian Startups ) का बड़ा हाथ है। इन्हीं कंपनियों के निवेश से इन स्टार्टअप्स को मजबूती मिली है। इंडियन काउंसिल ऑन ग्लोबल रिलेशंस ( Indian Council on Global Relations ) से जुड़े एक थिंक टैंक गेटवे हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक देश के सभी स्टार्टअप में 4 बिलियन डॉलर लगा हुआ है। आज हम आपको ऐसे पांच बड़े स्टार्टअप के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें चीनी जाएंट्स का रुपया लगा हुआ है।

पेटीएम में अलीबाबा का इंवेस्टमेंट

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पेटीएम एक इंडियन इंलेक्ट्रोनिक पेमेंट और ई-कॉमर्स कंपनी हैख्। पेटीएम पहली इंडियन कंपनी है जिसे चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा से इंवेस्टमेंट मिला है। आज पेटीएम अपनी तरह की $ 625 मिलियन से अधिक की कंपनी बन गई है।

हाइक मैसेंजर में टेंसेंट का निवेश

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स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाला क्रॉस-प्लेटफॉर्म इंस्टेंट मैसेजिंग में ऐप है। जिसका वैल्युएन 1.4 बिलियन डॉलर का है। हाल ही में चीनी दिग्गज कंपनी टेंसेंट होल्डिंग्स और ताइवान के फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप ने इसमें इंवेस्टमेंट किया है।

चीनी सॉफ्टबैंक का स्नैपडील से रिश्ता

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भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक स्नैपडील भी चीनी निवेश से अछूता नहीं है। कंपनी के 23 निवेशकों में सॉफ्टबैंक भी है, जो अलीबाबा ग्रुप के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक है।

ओला पर चाइनीज दीदी का हाथ

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भारत की मोबाइल ऐप आधारित ट्रांसपोर्ट नेटवर्क कंपनी ओला में चीनी कार ऐप कंपनी दीदी चुइंग का इंवेस्टमेंट है। ओला ओर से 21 निवेशकों के माध्यम से करीब 8200 करोड़ रुपए का निवेश जुटाया है।

इबिबो में भी चीनी निवेश

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हाल ही में मेक माय ट्रिप की ओर से इबिबो को खरीदा गया है। इबिबो में साउथ अफ्रीकी कंपनी नैस्पर्स में 71 फीसदी और चाइनीज कंपनी टेंसेंट की 91 फीसदी की हिस्सेदारी है।



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