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भारत की कुंडली कोरोना को लेकर क्या कहती है?, जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से

आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस महीने होने वाले कुछ राजनितिक गतिविधियों के बारे में Image Source : INDIA TV

आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि और गुरूवार का दिन है। षष्ठी तिथि आज रात 9 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। उसके बाद सप्तमी तिथि लग जायेगी। आज सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक वैधृति योग रहेगा। उसके बाद विष्कुम्भ योग शुरू हो जायेगा, जो कल की सुबह 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। वैधृति योग किसी स्थिर कार्यों के लिए शुभ माना जाता है लेकिन कोई भाग-दौड़ वाला काम के लिए जाना अच्छा नहीं होता है। वहीं विष्कुम्भ योग में भी शुरू किये गये कार्यों में व्यवधान आने की सम्भावना बनी रहती है। साथ ही आज शाम 4 बजकर 35 मिनट से लेकर कल की शाम 6 बजकर 49 मिनट तक सारे काम बनाने वाला रवि योग रहेगा। रवि योग के दौरान किये गये कार्यों से सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। 

इसके आलावा आज शाम 4 बजकर 35 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। उसके बाद शतभिषा नक्षत्र लग जायेगा। फ़िलहाल बात करेंगे धनिष्ठा नक्षत्र की- सत्ताईस नक्षत्रों में से धनिष्ठा 23वां नक्षत्र है। धनिष्ठा का अर्थ होता है- सबसे धनवान। इस नक्षत्र को सुख-समृद्धि तथा मानप्रतिष्ठा का सूचक माना जाता है। साथ ही यह व्यवहारिक कौशल और ऊर्जा का प्रतीक भी है, जबकि इस नक्षत्र का खुद का प्रतीक चिन्ह ढोल या मृदंग को माना जाता है। इसके अलावा धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं और इसकी राशि मकर और कुंभ है; क्योंकि इसके पहले दो चरण मकर राशि में आते हैं और आखिरी दो चरण कुंभ राशि में आते हैं। लिहाजा धनिष्ठा नक्षत्र के दौरान हनुमान जी और शिव जी की उपासना बतायी गयी है। इसके अलावा धनिष्ठा नक्षत्र का संबंध शमी के पेड़ से बताया गया है। लिहाजा जिन लोगों का जन्म धनिष्ठा नक्षत्र में हुआ हो उन लोगों को आज हनुमान जी और भगवान शिव के साथ साथ शमी के पेड़ को नमस्कार करना चाहिए, साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आज के दिन शमी के पेड़ या उसकी पत्तियों को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचाएं। आज के दिन ऐसा करने से आपके सुख-समृद्धि तथा मानप्रतिष्ठा मे बढ़ोतरी होगी 

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आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस महीने होने वाले कुछ राजनितिक गतिविधियों के बारे में-

इस महीने यानि जून की शुरुआत में सूर्य और शुक्र देव वृष राशि में उपस्थित रहेंगे, बुध और राहु मिथुन राशि में, गुरु और शनि मकर राशि में और मंगल कुम्भ राशि में गोचर कर रहे है। इसके आलावा 14 जून को सूर्य देव मिथुन राशि में एवं 18 जून को मंगल मीन राशि में प्रवेश करेंगे। साथ ही 30 जून को गुरु वक्री गति से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस महीने आषाढ़ी अमावस्या रविवार की और सूर्य की मिथुन संक्रांति भी रविवारी है। लिहाजा ग्रहों का यह संयोग भारत के राजनीतिक गलियारे में उलझने उत्पन्न करेंगे। विश्वपटल पर भारत की स्थिति निरंतर मजबूत होगी। भारत की संप्रभुता के शत्रु चरित्र के विरोधियों द्वारा सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए की गई कोशिशे विफल होंगी। सीमा पर भी घुसपैठ नियंत्रण में रहेगी। जन सामान्य की सुविधाओं के प्रति मुख्यतः रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। आर्थिक विकास में भी तेजी आयेगी। साथ ही अंतराष्ट्रीय राजनीति में भी स्वार्थ की भावना निहित रहेगी। कुछ देशों में तनाव बढ़ेगा। कुल मिलाकर उसका नतीजा ये रहेगा -

1- 20 मई से 30 जून तक के समय कर लिए हम आपको बताया चुके हैं कि , संख्या भले ही ज्यादा दिखे लेकिन कोरोना के बढ़ने कि रफ्तार कम होगी।

 2- 30 जून से 13 सप्टेंबर पर कोरोना पर इफएक्टिव लगाम लगेगी, यही समय कोरोना का सबसे वीभत्स स्वरूप भी दिखाएगा, महामारी कि मार से सब तरफ त्राहिमाम त्राहिमाम होने लगेगा     

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3- 13 सितंबर से 23 सितंबर तक विश्व मे चीन प्रवर्तित डिजिटल मुद्रा हावी हो जाएगी, विश्व मुद्रा बाजार में भारी उथल पुथल होगी कई कंपनियां खुद को दिवालिया घोषित करेंगी, कई देशों की  एकोनोमी ध्वस्त हो जाएगी ।
4- 29 मार्च 2025 तक भारत को दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की मिलेगी। जो आगे के तीन वर्षों तक इसी प्रकार जारी रहेगी यह समय भारत कि अर्थ व्यवस्था के लिए वरदान साबित होगा। 
5- वर्ष 2020 समाप्त होने के बाद ही पश्चिमी देश चीन को पीछे हटा पाएंगे। 
 6- 2020 मे पश्चिम द्वारा चीन के विरुद्ध अनेक मोर्चे खोलेगे। 
7-  23 मई 2021 के बाद चीन अपने उन लोगों की पहचान कर पाएगा जिन्होंने वास्तव मे यह षड्यन्त्र  रचा था।
 8- 2024 मे चीन अपनी खोई हुई साख वापस हासिल कर लेगा।
 9- हमने दो महीने पहले आपसे कहा था कि अमेरिका मे राष्ट्रपति के विरुद्ध एक और महाभियोग का प्रस्ताव इस वर्ष जुलाई मे आ सकता है, अगर यह महाभियोग सफल हो गया तो अमेरिका को भारी हानि होगी, अब देखिए माहौल बनाने लगा। दो महीने पहले ऐसे आसार नहीं थे।
10- विश्व की अर्थ व्यवस्था चरमरा जाएगी, जीवन वर्षों पीछे चल जाएगा लेकिन 2024 के बाद पूरे विश्व मे इतनी प्रगति होगी कि सारा घाटा खतम होकर कई गुना ज्यादा नफ़ा हो जाएगा।



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