वास्तु टिप्स: स्टडी रूम में इस दिशा में कभी न लगवाएं खिड़कियां
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए बच्चों के स्टडी रूम में खिड़कियों के बारे में कि कमरे में किस दिशा में खिड़कियां बनवाना ठीक होता है। घर में नेचुरल लाइट का होना बहुत जरूरी है। नेचुरल लाइट से मेरा मतलब है सूर्य की रोशनी।
सूर्य की रोशनी घर में सकारात्मकता लाती है, यानी पॉजिटिविटी को अट्रैक्ट करती है। इसलिए बच्चों के पढ़ाई के कमरे में तो नेचुरल लाइट का होना बहुत ही जरूरी है। ताकि बच्चों का मानसिक विकास हो सके और वे पॉजिटिव एनर्जी से भरे रहें और इसके लिये जरूरी है कमरे में खिड़की का होना।
खिड़कियां होंगी तभी तो सूरज की रोशनी अन्दर आयेगी। तो किस दिशा में खिड़की बनवाएं कि उचित ऊर्जा आपके बच्चे तक पहुंच सके। इसके लिये आप बच्चे के स्टडी रूम की पूर्वी या उत्तरी दिशा में खिड़की बनवा सकते हैं। अगर मजबूरी हो तो दक्षिण पूर्व मे बनवा सकते हैं लेकिन दक्षिण मे बनवाना अवॉइड करें और दक्षिण पश्चिम मे तो भूल कर भी न बनाएं पश्चिम दिशा में भी आप खिड़की बनवा सकते हैं।
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स्टडी रूम में टेबल का मुह नॉर्थ-ईस्ट की तरफ होना चाहिए और कमरे का नॉर्थ ईस्ट बिल्कुल खाली होना चाहिए इस जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए। साथ ही स्टडी टेबल पर एक क्रिस्टल का ग्लोब भी रखना चाहिए। इससे बच्चे नयी चीज़ों को जानने के लिये और अधिक उत्सुक होंगे। स्टडी टेबल को ज्यादा भरकर नहीं रखना चाहिए। उस पर सिर्फ जरूरी किताबें और कुछ एक-दो जरूरी सामान ही रखें।
कई लोग स्टडी टेबल के ऊपर ही किताबों का शेल्फ भी बनवा लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे बच्चे पर पढ़ाई का प्रेशर बना रहता है, जिससे वो अच्छे से कॉन्सनट्रेट नहीं कर पाता। इसकी बजाय आप स्टडी टेबल से थोड़ा हटकर बुक शेल्फ, यानी किताबों की अलमारी बनवाएं तो बेहतर होगा।
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