14 जून को सूर्य मिथुन राशि में कर रहे हैं गोचर, जानिए किस राशि के जातकों को मिलेगा भूमि, भवन और वाहन का लाभ
14 जून को सूर्य के मिथुन संक्रांति है। सूर्य की संक्रांति के पुण्यकाल के दौरान पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा ही महत्व होता है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार सूर्य की मिथुन संक्रांति के दौरान मन्दाकिनी नदी में स्नान का बड़ा ही महत्व है। ये नदी प्रसिद्ध पौराणिक नगर चित्रकूट से होकर बहती है। हालांकि अगर आप आज के दिन मन्दाकिनी नदी में स्नान न कर सके तो कोई बात नहीं, आप घर पर ही अपने स्नान के पानी में मन्दाकिनी नदी का आह्वाहन करके स्नान कर सकते हैं। इससे भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इसके अलावा सूर्य की मिथुन संक्रांति का पुण्यकाल कल सूर्योदय से लेकर सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक पश्चात मध्याह्न यानि दोपहर तक रहेगा। आप इस समय के बीच कभी भी स्नान-दान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
14 जून से लेकर 16 जुलाई तक विभिन्न राशियों पर सूर्यदेव के अलग-अलग प्रभाव होंगे, क्योंकि सूर्यदेव 16 जुलाई तक ही मिथुन राशि में रहेंगे। इस दौरान सभी 12 राशियों पर सूर्य से मिलने वाले प्रभावों में भी बदलाव आयेंगे। लिहाजा रविवार से लेकर अगले महीने की 16 तारीख तक सूर्यदेव का विभिन्न राशि वालों पर क्या प्रभाव होगा, सूर्यदेव उनके किस स्थान पर गोचर करेंगे और उस स्थिति में आपको कौन-से उपाय करने चाहिए। जानिए इन सभी उपायों के बारे में आचार्य इंदु प्रकाश से।
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मेश राशि
सूर्यदेव आपके जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में तीसरा स्थान भाई-बहनों से संबंध रखता है। साथ ही यह स्थान आपकी अभिव्यक्ति से भी संबंध रखता है। लिहाजा भाई-बहनों से संबंधों को और बेहतर बनाने के लिये और अपनी अभिव्यक्ति की आजादी को बनाये रखने के लियए । लिहाजा 16 जुलाई तक रोज सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को नमस्कार करें। इससे आपके भाई-बहनों से संबंध अच्छे होंगे और आपकी अभिव्यक्ति की आजादी बनी रहेगी।
वृष राशि
सूर्यदेव आपके कुंडली में दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। कुंडली में दूसरा स्थान धन से संबंध रखता है। इस महीने सूर्य़देव आपके धन के भण्डार भरेंगे। अचानक धन लाभ होने के योग बनेंगे। लिहाजा अपने पास धन की गति को निरंतर बनाये रखने के लिये और आर्थिक रूप से सम्पन्नता पाने के लिये मन्दिर या किसी धर्मस्थल पर नारियल या बादाम दान करें। इससे आपको आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा।
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मिथुन राशि
सूर्यदेव आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में पहला स्थान लग्न का स्थान होता है, यानि आपका खुद का स्थान होता है। लिहाजा इस स्थान पर सूर्यदेव के गोचर से आपको कई तरह के फायदे होंगे। अपनी मेहनत के बल पर आपको धन की प्राप्ति होगी, आपके यश-सम्मान में बढ़ोतरी होगी, आपके प्रेम-संबंधों में मजबूती आयेगी। साथ ही आपकी संतान को भी न्यायालय से लाभ मिलेगा। लिहाजा इस दौरान इन सब चीज़ों का लाभ पाने के लिये आपको सूर्यदेव के मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- 'ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:'
कर्क राशि
सूर्यदेव आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में बारहवें स्थान का संबंध शैय्या सुख से है, परन्तु साथ ही इस स्थान का संबंध व्यय से भी है। सूर्य के इस गोचर से आपको शैय्या सुख पाने में थोड़ी परेशानी हो सकती है, साथ ही आपके खर्चें भी बढ़ेंगे। लिहाजा शैय्या सुख से संबंधित परेशानी से छुटकारा पाने क लिये और बढ़ते खर्चों पर रोक लगाने के लिये इस दौरान सुबह के समय अपने घर के खिड़की, दरवाजे खुले रखें, ताकि आपके घर के अन्दर सूर्य की उचित रोशनी आ सके।
सिंह राशि
सूर्यदेव आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में ग्यारहवें स्थान का संबंध आमदनी और कामना पूर्ति से है। सूर्य़ के इस गोचर से आपकी आमदनी की गति थोड़ी धीरे होही। पैसे मिलने में थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। लिहाजा आमदनी में बढ़ोतरी के लिये और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए रात के समय अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें।
कन्या राशि
सूर्यदेव आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में दसवें स्थान का संबंध राज्य और पिता से है। सूर्य़ के इस गोचर से आपको अपने करियर में तरक्की मिलेगी और साथ ही आपके पिता के भी हर काम बनेंगे। लिहाजा अपने करियर में तरक्की पाने के लिये और पिता के कार्यों में सफलता सुनिश्चित करने के लिये आज से 16 जुलाई तक सिर ढक्कर रखें और सफेद या ऑफ व्हाइट रंग की टोपी या पगड़ी पहनें।
तुला राशि
सूर्यदेव आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में नवें स्थान का संबंध भाग्य से होता है। लिहाजा इस स्थान पर सूर्यदेव के गोचर से आपको अपने कार्यों में भाग्य का साथ मिलेगा। आपके सारे काम एक-एक करके बनने लगेंगे। इन सबका लाभ उठाने के लिये आने वाले 16 जुलाई तक घर में पीतल के बर्तन उपयोग में लाएं और किसी को पीतल की कोई चीज़ दान में या गिफ्ट में न दें। साथ ही पीतल की कोई चीज़ न बेचें।
वृश्चिक राशि
सूर्यदेव आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में आठवें स्थान का संबंध हमारे स्वास्थ्य से है, हमारी आयु से है। लिहाजा अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये, लंबी आयु की प्राप्ति के लिये इस दौरान बड़े भाई का सहयोग करें या घर का मुख्य द्वार दक्षिणवर्ती न रखें।
धनु राशि
सूर्यदेव आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में सातवें स्थान का संबंध जीवनसाथी से है, आपके दाम्पत्य जीवन से है। सूर्य के इस गोचर से आपके एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन बनने की संभावना है। लिहाजा जीवनसाथी के साथ अपने संबंध बेहतर करने के लिये और दाम्पत्य जीवन में प्यार को बरकरार रखने के लिये इस दौरान गुरु का उपाय करें या किसी का अपमान ना करें।
मकर राशि
सूर्यदेव आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में छठे स्थान का संबंध मित्र और शत्रुओं से होता है। लिहाजा आपके जीवन में अगर शत्रुओं की अधिकता हो गई है और दोस्तों की गिनती में कमी आ रही है तो अपने मित्रों की संख्या में बढ़ोतरी के लिये और अपने कामों में दोस्तों का सहयोग पाने के लियेमन्दिर में बाजरे का दान करें। साथ ही बन्दर को गुड़ खिलाएं।
कुंभ राशि
सूर्यदेव आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। सूर्यदेव के इस गोचर से आपको विद्या का लाभ मिलेगा। आपको संतान का सुख मिलेगा। गुरु के साथ आपके संबंध अच्छे होंगे। लवमेट के साथ रिश्ते बेहतर होंगे। तो आने वाले 16 जुलाई तक इन सब विषयों का फायदा उठाने के लिए घर में रसोई पूर्व दिशा में बनाएं या छोटे बच्चों को कुछ गिफ्ट करें।
मीन राशि
सूर्यदेव आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में चौथा स्थान भूमि, भवन और वाहन से संबंध रखता है। लिहाजा सूर्य़ के इस गोचर से आपको भूमि, भवन और वाहन का फायदा मिलेगा। इन सबका लाभ उठाने के लिये 16 जुलाई तक किसी जरूरतमंद को भोजन खिलाएं या इस दौरान लोहे या लकड़ी का कार्य न करें।
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