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बेवजह डरने से सपने में भी कोरोना, सकारात्मक रहें

लॉकडाउन के दौरान कोरोना के डर से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है। जयपुर में 800 लोगों पर हुए एक अध्ययन में देखा गया है कि कोरोना के कारण डरावने सपने आ रहे हैं। इनमें से 90 लोगों में नाइटमेयर डिसऑर्डर पाया गया। इनमें से 15 मरीजों को पहले से ही बुरे सपने आते थे, लेकिन 75 नए मरीजों में यह समस्या देखने को मिली है। कोरोना वायरस का दिखना, आईसीयू में भर्ती होना, खुद या प्रियजन को लेकर अनिष्ट दिखने के सपने आ रहे हैं। इससे रात में अचानक घबराकर उठना, पसीना आना, हृदय गति बढ़ जाना तथा बेचैनी आदि लक्षण भी दिख रहे हैं।
सपनों का शरीर पर असर
डरावने सपने से बीपी और हार्ट डिजीज की समस्या बढ़ जाती है। अचानक से बीपी लेवल बढ़ जाता है। हार्ट अटैक तथा लकवे की आशंका रहती है। इस तरह की समस्या हो रही है तो डॉक्टर को दिखाएं। इसका इलाज संभव है। अगर कोई समस्या लगे तो परिजनों के साथ शेयर करें। इससे भी तनाव कम होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
कोरोना की लड़ाई लम्बी चलने वाली है। इस बात को स्वीकार लें। इसलिए मानसिक दृढ़ता तथा धैर्य बहुत जरूरी है। कोरोना के बारे में सोशल मीडिया या इंटरनेट पर ज्यादा जानने की कोशिश न करें। अपने काम में व्यस्त रहें। हो सके तो कुछ क्रिएटिव करें। इससे थकान और उदासी नहीं होगी। अपनी हॉबी पूरी करें। नियमित घर पर ही योग-व्यायाम करें। परिजनों को भी व्यायाम के लिए प्रेरित करें। परिवार के कार्यों में हाथ बटाएं। बच्चों के साथ खेलें। दिनचर्या सही रखें। अच्छी चीजें देखें और पढ़ें। कोरोना से बचाव के लिए जो निर्देश दिए गए हैं उनका ठीक से पालन करें।
डॉ. पृथ्वी गिरि, न्यूरोलॉजिस्ट, जयपुर



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