एस बद्रीनाथ का है मानना, लॉकडाउन से मिले ब्रेक में क्रिकेटर्स फिर से कर सकते हैं अपने लक्ष्य को निर्धारित
पूर्व भारतीय खिलाड़ी एस बद्रीनाथ ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण हुआ लॉकडाउन क्रिकेटरों सहित सभी खिलाड़ियों के लिए बड़ी चुनौती है लेकिन यह साथ ही लक्ष्यों का फिर से आकलन करने तथा शारीरिक और मानसिक स्थिति बेहतर करने में निवेश का मौका भी देता है। कोविड-19 महामारी से अब तक दुनिया भर में 41 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और तीन लाख के करीब लोगों की जान गई है।
इसके कारण दुनिया भर में लगभग सभी खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। हाल में मानसिक कौशल की ट्रेनिंग दे रही कंपनी एमफोर को शुरू करने वाले बद्रीनाथ ने कहा, ‘‘यह सभी खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण समय है. इस समय उन्हें खेलना चाहिए था, उन्होंने अपने लिए लक्ष्य तय किए थे। यह अच्छा समय है कि लक्ष्यों का पुन: आकलन किया जाए और आगे के बारे में सोचा जाए।’’
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भारत की ओर से दो टेस्ट और सात वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले 39 साल के बद्रीनाथ ने कहा कि ब्रेक के दौरान खिलाड़ी छोटी-मोटी चोटों से उबर सकते हैं और अपने शरीर और मानसिक कौशल पर काम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कई खिलाड़ियों के शरीर में खेलते हुए थोड़ा दर्द होगा और यह शरीर को स्वस्थ करने और सभी तरह के दर्द को दूर करने का अच्छा समय है जिसके कि जब आपको कोई काम दिया जाए तो आप तरोताजा महसूस करो।’’
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बद्रीनाथ ने कहा, ‘‘यह अपने शरीर, भावनात्मक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य आदि चीजों पर निवेश करने का सही समय है।’’ यह पूछने पर कि वह कैसे एमफोर को शुरू करने के जिए प्रेरित हुए तो बद्रीनाथ ने कहा, ‘‘भारत में हमें लगता है कि खिलाड़ी और सभी लोग फिट होने के लिए काफी कुछ कर रहे हैं। क्रिकेटरों की बल्लेबाजी, गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण कौशल में सुधार हो रहा है लेकिन क्या वे मानसिक पहलू पर भी पर्याप्त काम कर रहे हैं। दिमाग हमारे शरीर का ताकतवर अंग है जो असल में खिलाड़ी की क्षमता और प्रदर्शन के बीच सेतु का काम करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने महसूस किया कि दिमाग को पर्याप्त महत्व और ट्रेनिंग नहीं दी गई इसलिए हम ऐसा ढांचा, मंच तैयार करना चाहते थे जहां खिलाड़ियों को कड़ी ट्रेनिंग दी जा सके, उनकी वास्तविक क्षमता को प्रदर्शन में बदला जा सके।’’
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