श्रद्धा कपूर ने बयां किया जू में बंद जानवरों का दर्द, बाघिन की आवाज बन पूछा- क्या मैं आजादी के इंतजार में यहीं मर जाऊंगी
श्रद्धा कपूर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे पिंजरों में बंद जानवरों का दर्द बयां कर रही हैं। उन्होंने कैप्शन में जू बंद करने की अपील करते हुए लिखा है, "इस लॉकडाउन के दौरान हम में से बहुत से लोग चिंतित और पराधीन महसूस कर रहे हैं। कल्पना कीजिए की आपको अपने परिवार और घर से दूर रखा जाए तथा अपने पूरे जीवन काल के लिए जेल में बंद कर दिया जाए तो आपको कैसा महसूस होगा?"
वीडियो में जानवरों की इमोशनल कहानी
जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा इंडिया द्वारा बनाए गए इस वीडियो को श्रद्धा कपूर ने एक बाघिन की बच्ची को आवाज दी है। इस बेबी टाइग्रेस के जरिए उन्होंने जू में बंद जानवरों की इमोशनल कहानी सुनाई है।
पिंजरे में कैद बेबी टाइग्रेस बताती है, "मेरी मां कहती है दूर कहीं एक जादुई नगरी है, जिसका नाम है आजादी। जहां न बेड़ियां हैं, न कोई बंदिश। सब एक समान हैं। जहां मेरे जैसे बच्चे खुले मैदानों में घूमते-फिरते हैं। जहां तेज हवाओं से तेज दौड़ते हैं हमारे पैर। कई किस्म के दोस्त हैं सबके। और खेलते भी सब एक साथ हैं। साहस भरी छलांग लगाते हैं। शाम हुई और थक गए, तब भी परिवार को लौट जाते हैं। है न कमाल की कहानी।"
इसके बाद वह बेबी टाइग्रेस भावुक होते हुए अपनी हकीकत सामने रखती है और कहती है, "मेरी जिंदगी इस कहानी से बिल्कुल अलग है। मैं तो पैदा ही इस पिंजरे में हुई हूं। दो साल से यही मेरा घर है। मेरी मां आठ सालों से यहां कैद है। आठ साल में कितने दिन होते हैं और कितने घंटे?"
और अंत में उस बेबी टाइग्रेस ने लॉकडाउन में रह रहे लोगों से सवाल पूछा है, "आपको कितने दिन हुए? जानती हूं तकलीफ तो आपको भी बहुत हो रही होगी। मैं अपनी मां से कहूंगी कि वह आपको भी उस जादुई नगरी की कहानी सुनाए। आजादी की बात करने से शायद आजादी महसूस होने लगे। क्या यह मुमकिन नहीं कि यह जादुई नगरी सच में कहीं हो। क्या सच में कभी मेरी मां आजाद थी। क्या यह मुमकिन नहीं कि आप मुझे आजादी की सैर कराएं। आजादी की राह पर ले चलेंगे मुझे? या फिर यूं ही मैं इस पिंजरे में दिन गिनती रहूंगी? और दिन गिनते-गिनते एक दिन मर जाउंगी।"
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