5 साल तक रिजेक्शन झेलने के बाद विक्की कौशल को मिली थी 'मसान' फिल्म, पिता शाम कौशल ने शेयर की स्ट्रगल जर्नी से जुड़ी दिलचस्प बातें
कम समय में अपने टैलेंट से बॉलीवुड में पहचान हासिल करने वाले विक्की कौशल आज अपना 32वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर उनके पिता शाम कौशन ने विक्की की स्ट्रगल जर्नी भास्कर के साथ शेयर की है। उन्होंने बताया कि किस तरह नाकामयाबी का सामना किया और आगे बढ़े।
'मसान' से पहले कहा जाता था कि विक्की कौशल शाम कौशल के बेटे हैं। अब मैं यह सुनते हुए फूला नहीं समाता कि शाम कौशल विक्की के पिता हैं। यह जो फर्क आया है'मसान', 'उरी' और 'भूत: हॉन्टेड पार्ट वन' तक, उसका क्रेडिट खुद विक्की को और उनकी मेहनत को जाता है। आज मैं विक्की कौशल के पिता के नाम से जाना जाता हूं और इस पर मुझे बड़ा गर्व है।एक बाप के लिए इससे बड़ी बात नहीं हो सकती कि उसे उसके बेटे के नाम से जाना जाए।
नाश्ता करके रोज ऑडिशन के लिए निकल जाते थे विक्की
विकी ने अपनी मंजिल खुद हासिल की है। उन्होंने साल 2009 में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी। तब उन्होंने कहा था कि उन्हें फिल्म लाइन में करियर बनाना है तो मैंने उनकी दिनचर्या फिक्स कर दी थी कि सुबह 10 बजे घर से नाश्ता करके सीधा ऑडिशन पर निकल जाया करो। ऑडिशन दो, रिजेक्शन झेलो, तब जाकर निखर पाओगे, वैसा ही हुआ। मसान मिलने से पहले तक उन्हें 5 साल के रिजेक्शन से गुजरना पड़ा।
मसान से मिला करियर को ब्रेक
वे 5 साल स्ट्रगल, थिएटर, असिस्टेंस को समर्पित रहे थे। आखिरकार 2014 में मसान और जुबान मिली। मसान पहले रिलीज हुई। मेरा शुरू से यह मानना रहा था कि रिजेक्शन और अपमान से इंसान या तो टूट जाता है या और मजबूत बनकर सामने आता है
गरीब और गांव के लड़के के मिलते थे रोल
'मसान' और 'जुबान' तो उनको मिल गई, लेकिन उसके बाद भी उनका संघर्ष बना रहा। उसको भी विक्की ने बड़ी समझदारी और पेशेंस के साथ फेस किया। मसान के बाद उन्हें गरीब किसान के बेटे तो गांव में रहने वाले युवक के रोल आ रहे थे। मैं तो कभी-कभी विक्की पर हंसता भी था। कि उसे गरीब बाप का बेटा कैसे इंडस्ट्री वालों ने मान लिया है। बहरहाल, वह भी उस प्रक्रिया का हिस्सा था, जिसके तहत सही मौके और इंसान के पास विक्की धीरे-धीरे पहुंच रहे थे।
अपने पिछले काम से स्टार बनता है एक्टर
उरी फिल्म से उनके बतौर कमर्शियल सोलो हीरो की पारी का आगाज हुआ। हालांकि एक पिता के नाते मेरे ख्याल से मसान ने उन्हें क्रेडिबल एक्टर तो बना दिया था। कोई भी कलाकार स्टार तब बनता है जब उसके पिछले काम अच्छे रहे हों। विकी को मसान से क्रेडिबिलिटी मिलनी शुरू हो गई थी और संजू तक आते-आते वह और पुख्ता हो गई थी।
उरी से मिला स्टारडम
फिर जब उरी आई और सोलो हिट हुई तो वहां से विक्की के स्टारडम की शुरुआत हो गई। प्रोड्यूसर्स समझ गए कि विक्की की फेस वैल्यू पर भी मोटी रिकवरी हो सकती है। उरी ने उसे हीरो मटेरियल के तौर पर स्थापित कर दिया।मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि सही परवरिश के चलते विक्की को हम ग्राउंडेड रखने में सफल रहे हैं। पहली फिल्म से लेकर अब की फिल्मों के भी जो चेक पाते हैं वह हमारे घर के मंदिर में रखे जाते हैं। वह चेक एक-दो दिन वही मंदिर में ही रहता है।
पीएम केयर फंड में दिए एक करोड़ रुपए
भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उसने विक्की को इस लायक बनाया कि पीएम केयर फंड में भी एक करोड़ रुपए की रकम जमा की। मैं चाहूंगा कि हर पिता का बेटा इस लायक बने। आज पूरा परिवार विक्की कौशल के नाम से जाना जा रहा है। इससे बड़ा कोई गिफ्ट क्या हो सकता है।
परिवार के साथ मनाएंगे जन्मदिन
विक्की को बर्थडे पर लैविश पार्टी देने की आदत नहीं रही है। पिछली बार भी उसका बर्थडे था तो घर पर ही कुछ लोगों के साथ सेलिब्रेट किया गया। इस बार तो लॉकडाउन ही है। छोटा बेटा सनी कुकिंग में माहिर है विक्की उसका हेल्पर रहता है। हम लोग ही आपस में कुछ बनाकर इसे सेलिब्रेट करने वाले हैं।
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