मैंने 50 दिन से जैवलिन नहीं थामा, लेकिन परफेक्ट थ्रो के लिए तैयार: नीरज चोपड़ा
भारतीय एथलेटिक्स के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा को 50 दिन से ज्यादा का समय हो गया है जैवलिन को अपने हाथ में थामे हुए। वे बेसब्री से ट्रैक पर लौटकर थ्रो करने का इंतजार कर रहे हैं।
ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद माने जा रहे 22 साल के नीरज अपना परफेक्ट थ्रो देने के लिए तैयार हैं। वे इस समय एनआईएस पटियाला में हैं और फिटनेस पर काम कर रहे हैं। इससे पहले वे तुर्की में ट्रेनिंग कर रहे थे। लेकिन, 18 मार्च को उन्हें भारत लौटना पड़ा। वे तब से ही मैदान से दूर हैं।
दबाव नहीं लेते नीरज, हर टूर्नामेंट में बेस्ट देना ही उनका लक्ष्य है
वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड होल्डर नीरज का कहना है, ‘मैं दबाव नहीं लेता। लोग अगर मुझसे उम्मीद करते हैं तो ये मेरे लिए गर्व की बात है। ये मुझे मोटिवेशन देता है। मैं न तो माइलस्टोन के बारे में ज्यादा सोचता हूं और न ही मेडल के बारे में। मेरा लक्ष्य हर टूर्नामेंट में बेस्ट देने का होता है।
मेरा फोकस उन चीजों पर जो मेरे नियंत्रण में : नीरज
नीरज ने कहा किएक दिन में आपको अपना पूरा गेम दिखाना होता है। मेरे सामने प्रभावित करने वाली कई चीजें होती हैं जैसे कि मेरे विरोधी कैसे परफॉर्म कर रहे हैं। इसलिए मैं उस पर ध्यान नहीं देता। मेरा फोकस सिर्फ उन चीजों पर होता है, जो मेरे नियंत्रण में होती हैं। जैसे कि मेरी ट्रेनिंग और मेरा थ्रो। मैं उसी पर ध्यान देता हूं।
लॉकडाउन के दौरान कंडीशनिंग और फिटनेस पर काम कर रहे हैं
एशियन और कॉमनवेल्थ चैंपियन नीरज ने कहा-लॉकडाउन ने ट्रेनिंग को मुश्किल बना दिया हैै। मैं इस समय अपनी कंडीशनिंग और फिटनेस पर काम कर रहा हूं। अपने रूटीन को नॉर्मल रखने की कोशिश कर रहा हूं। दिन में दो बार ट्रेनिंग करता हूं। मानसिक रूप से सबकुछ बैलेंस रखने की कोशिश कर रहा हूं। ये काफी लंबा ब्रेक है। लेकिन हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि नकारात्मक विचार हमें प्रभावित न करें।
कई बार ऐसा हो जाता है कि आप स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकते। एक एथलीट के तौर पर मैं अपनी ट्रेनिंग और पॉजिटिव माइंडसेट पर ही फोकस कर सकता हूं।नीरज पटियाला में फिटनेस पर काम कर रहे हैं।’
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