2028 ओलिंपिक के लिए खेल मंत्रालय ने 14 गेम्स चुने, हरियाणा समेत 5 राज्यों में मुक्केबाज तो मध्यप्रदेश में निशानेबाज तैयार होंगे
कोरोना की वजह से टोक्यो ओलिंपिक एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब गेम्स 2021 में होंगे, लेकिन भारत का लक्ष्य 2028 के ओलिंपिक की मेडल टेली में टॉप-10 में आना है। इसके तहत खेल मंत्रालय ने वन स्टेट, वन गेम्स की योजना तैयार की है। इसके लिए 14 खेल चुने गए हैं। राज्यों को ये खेल गोद दिए गए हैं। राज्यों पर ही इनके खिलाड़ियों को तैयार करने की जिम्मेदारी होगी।
वन स्टेट, वन गेम्स के तहत हरियाणा सहित 5 राज्य ओलिंपिक के लिए बॉक्सर तैयार करेंगे। जबकि दिल्ली समेत 3 राज्यों ने पहलवानों को तैयार करने की जिमेदारी ली है। मध्य प्रदेश अकेला राज्य होगा, जो निशानेबाज तैयार करेगा। 14 खेलों में आर्चरी, बॉक्सिंग, शूटिंग, बैडमिंटन, रेसलिंग, हॉकी, साइक्लिंग, एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग, टेबल टेनिस, स्विमिंग, जूडो, फेंसिंग और रोइंग शामिल है।
इन खेलों के एक्सीलेंस सेंटर भी होंगे स्थापित
जूडो, हॉकी, फेंसिंग और साइक्लिंग के सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। इन सेंटरों पर जूनियर खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के साथ पढ़ाई का भी इंतजाम किया गया है। इसके लिए कई स्कूलों से करार किया गया है।
प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को खेल की जिम्मेदारी
खेल की लोकप्रियता और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। खेल मंत्रालय राज्यों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने और खिलाड़ियों को बेहतर कोचिंग दिलाने में सहयोग करेगा। ऐसा नहीं है कि राज्य अन्य खेलों को भी बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार केवल एक ही खेल को आगे बढ़ाने में सहयोग करेगी।
पांच राज्यों को बॉक्सिंग को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी
2028 के ओलिंपिक के लिए मुक्केबाजों को तैयार करने की जिम्मेदारी पांच राज्यों पर हैं। इनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, मेघालय और मिजोरम शामिल हैं।
टोक्यो के लिए हरियाणा से 4 बॉक्सर क्वालिफाई
देश को ओलिंपिक बॉक्सिंग में पहला मेडल विजेंद्र सिंह ने 2008 के बीजिंग गेम्स में दिलाया था। वहीं, 2020 टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले 9 मुक्केबाजों में से 4 हरियाणा से ही हैं। इसमें पूजा रानी, अमित पांघल, विकास कृष्णन और मनीष कौशिक शामिल हैं। हरियाणा के रोहतक में नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी भी स्थापित की गई है। हरियाणा के अलावा उत्तर पूर्वी राज्यों में भी बॉक्सिंग लोकप्रिय है। टोक्यो 2020 के लिए क्वालिफाई करने वाली महिला मुक्केबाज लवलीना और एमसी मैरीकॉम यहीं से आती हैं।
कुश्ती को दिल्ली, नागालैंड और महाराष्ट्र बढ़ावा देंगे
दिल्ली, नागालैंड और महाराष्ट्र अपने राज्य में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए आगे आए हैं। इन राज्यों ने वन स्टेट, वन गेम्स के तहत कुश्ती को गोद लिया है और ये ओलिंपिक के लिए पहलवान तैयार करेंगे।
देश को कुश्ती में दो ओलिंपिक मेडल दिलाने वाले सुशील कुमार ने दिल्ली केछत्रसाल स्टेडियम में ही खेल कीबारीकियां सीखीं हैं। वहीं, लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वालेयोगेश्वर दत्त भी दिल्ली में ही प्रैक्टिस करते हैं।टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले दीपक कुमार और बजरंग पूनिया ने भी इसी स्टेडियम से अपने करियर की शुरुआत की है।
महाराष्ट्र के पहलवानों का भी बेहतर प्रदर्शन
राष्ट्रीय स्तर पर भी दिल्ली और हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के पहलवानों का दबदबा रहा है। देश को कुश्ती में 1952 में ओलिंपिक में पहला मेडल महाराष्ट्र के केडी जाधव ने ही दिलाया था। वहीं, महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह यादव ने 2016 में रियो गेम्स के लिए क्वालिफाई किया था। लेकिन डोपिंग में फंसने के कारण वह नहीं खेल पाए।
मध्यप्रदेश में तैयार होंगे निशानेबाज
मध्यप्रदेश ने ओलिंपिक के लिए शूटर तैयार करने की जिम्मेदारी ली है। राज्य सरकार की ओर से भोपाल में इंटरनेशनल शूटिंग रेंज बनाया गया है। मध्यप्रदेश के शूटर पिछले कुछ सालों से नेशनल स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रैप शूटिंग में मध्यप्रदेश का दबदबा है। मध्यप्रदेश की चिंकी यादव ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में टोक्यो गेम्स के लिए देश को ओलिंपिक कोटा दिलाया है।
5 राज्य तीरंदाजी को बढ़ावा देंगे
झारखंड, राजस्थान, छतीसगढ़, सिक्किम और लद्दाख आर्चरी को बढ़ावा देंगे। झारखंड में टाटा की आर्चरी अकेडमी है। यहां से कई तीरंदाज देश के लिए इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीत चुके हैं। राजस्थान के कई गांवों में आर्चरी काफी लोकप्रिय है। लिम्बा राम जैसे तीरंदाज राजस्थान ने देश को दिए हैं।
ओलिंपिक में इन 14 खेलों में भारत का प्रदर्शन
खेल मंत्रालय ने जिन 14 खेलों को वन स्टेट और वन गेम्स के तहत शामिल किया है, उसमें भारत ने अब तक कुल 24 मेडल जीते हैं। हॉकी में भारत ने अब तक 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं जबकि कुश्ती में कुल 4 पदक जीते हैं। इसमें एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज शामिल हैं।
वेटलिफ्टिंग में भारत ने इकलौता मेडल 2000 के सिडनी ओलिंपिक में जीता था। तब मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। बैडमिंटन में दो मेडल मिले हैं। पीवी सिंधु ने रियो ओलिंपिक में सिल्वर और साइना नेहवाल ने लंदन गेम्स में कांस्य जीता था।
बॉक्सिंग में 2 और शूटिंग में 4 मेडल
अब तक हुए ओलिंपिक में बॉक्सिंग में दो मेडल मिलेहैं। महिला मुक्केबाज एमसीमैरीकॉम और विजेंद्र कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वहीं, शूटिंग में एक गोल्ड सहित चार मेडल मिले हैं। अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड, विजय कुमार और राज्यवर्धन सिंह राठौरने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीताहै।
योगेश्वर ने कहा- हरियाणा में कुश्ती को नजरअंदाज नहीं कर सकते
अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने भास्कर से बातचीत में कहा कि वन स्टेट, वन गेम्स उन राज्यों के लिए ठीक है, जहां पर कोई खेल लोकप्रिय नहीं है। लेकिन हरियाणा, दिल्ली सहित कई राज्यों में एक से ज्यादा खेल लोकप्रिय है। हरियाणा में केवल बॉक्सिंग को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं। यहां कुश्ती, हॉकी और कबड्डी को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।
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