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150 रु. तनख्वाह पर डायरेक्टर एचएस रवैल के असिस्टेंट बने थे राजेंद्र कुमार, पहचान बनाने में लगे थे 7 साल

राजेंद्र कुमार का जन्म पंजाब के सियालकोट में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। पिता का लाहौर में कपड़ों का कारोबार हुआ करता था। बंटवारे के बाद राजेंद्र कुमार मुंबई आ गए। हीरो बनने का सपना लिए राजेंद्र ने फिल्म ‘जोगन’ में कैमियो कर अपनी शुरुआत की। लेकिन उनकी कोई खास पहचान नहीं बनी। फिल्म निर्माता देवेंद्र गोयल उनके अभिनय से प्रभावित हुए और उन्हें अपनी अगली फिल्म में लीड रोल देने का वादा किया। डेढ़ साल बाद उन्होंने फिल्म ‘वचन’ में राजेंद्र कुमार को मुख्य किरदार के तौर पर लिया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। इसके साथ ही एक सितारे का उदय हो गया। गीतकार राजेन्द्र कृष्ण की मदद से 150 रुपए की तनख्वाह पर डायरेक्टर एचएस रवैल के सहायक के तौर पर भी राजेंद्र कुमार ने काम किया। राजेंद्र को फिल्मों में काम तो मिल गया था, लेकिन इसके बाद भी पहचान बनाने में उन्हें सात साल लग गए। जब ‘मदर इंडिया’ आई तो राजेन्द्र कुमार की भी बाकी एक्टर्स के साथ जमकर तारीफ हुई। इसके बाद 1963 में ‘मेरे महबूब’ सुपरहिट हुई और फिर राजेन्द्र कुमार का सिक्का चल पड़ा।



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‘गीत’, ‘आरजू’, ‘झुक गया आसमान’ जैसी तमाम हिट फिल्में देने वाले हिन्दी सिनेमा के सुपरस्टार राजेंद्र कुमार को जुबली कुमार भी कहा जाता है।


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