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जानिये पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान ने क्या बयान दिया भारतीय टीम के बारे में


 Inzamam ul Haq Image Source : AP

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक अपने समय के धाकड़ बल्लेबाज रह चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान के लिए कुल 120 टेस्ट और 378 वनडे मैच खेल हैं। इस दौरान इंजमाम का खास तौर से भारत के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड रहा है। हाल ही में वे अपने हमवतन रमीज राजा के साथ वीडियो चैट में भारत और पाकिस्तान के बल्लेबाजों तुलना की जिसमें उन्होंने बताया कि भारतीय टीम सिर्फ कागजों पर मजबूत थी मैदान पर नहीं।

इंजमाम ने कहा, ''भारतीय टीम का बल्लेबाजी क्रम हमसे बेहतर जरूर था लेकिन मैदान पर दोनों ही टीमों में एक बड़ा अंतर था। पाकिस्तानी बल्लेबाज अगर 30 या 40 रन भी बनाते थे तो वह रन टीम के लिए होता था जबकि भारतीय बल्लेबाज टीम के लिए नहीं बल्कि अपने रिकॉर्ड के लिए खेलते थे।''

इसके अलावा इंजमाम ने पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री और पूर्व क्रिकेट इमरान खान की कप्तानी में भी कमियां बताई। उन्होंने कहा, ''इमरान बेशक एक बेहतरीन खिलाड़ी थे लेकिन उनकी कप्तानी में कुछ तकनीकि खामियां थी। हालांकि वह एक सफल कप्तान साबित हुए क्योंकि वह जानते थे कि खिलाड़ियों से कैसे प्रदर्शन कराया जाता है।'' 
रमीज राजा के साथ बातचीत के दौरान इंजमाम ने साल 1992 विश्व की यादों को भी ताजा किया। उन्होंने कहा, ''विश्व कप में मुझसे रन नहीं बन रहे थे लेकिन इमरान खान को मेरे उपर भरोसा था और उन्होंने मुझे लगातार मौका दिया।''

इंजमाम ने इस विश्व कप में पाकिस्तान के लिए न्यूजीलैंड केल खिलाफ महत्वपूर्ण मैच में 37 गेंद में 60 रनों की मैच जिताउ पारी खेली थी जबकि इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच में उन्होंने 35 गेंद में तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 42 रनों का योगदान दिया था।

हालांकि इंजमाम ने इमरान खान की कप्तानी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, ''हम कह सकते हैं कि इमरान भाई टेकनिकल तौर पर एक अच्छे कप्तान नहीं थे लेकिन वह जानते थे कि खिलाड़ियों से कैसे उसका खेल निकाला जाए। वह हमेशा खिलाड़ियों का बचाव करते थे वह टीम के खिलाड़ियों पर भरोसा करते थे। यही कारण है कि वह एक महान कप्तान बने।''

उन्होंने कहा, ''अगर कोई खिलाड़ी किसी एक सीरीज में प्रदर्शन नहीं कर पाता था तो इमरान खान उसे टीम से बाहर नहीं करते थे वह उन पर भरोसा जताते थे और उन्हें खुद को साबित करने के लिए मौका देते थे इस वजह टीम के सभी खिलाड़ी उनका सम्मान करते थे।''


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