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सर्वे में खुलासा, लॉकडाउन से पैदा हालात में लोगों को सता रहा है नौकरी खोने का डर

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर की एजेंसियों ने बेरोजगारी बढऩे और नौकरी जाने की चेतावनी दे डाली है। बात भारत की करें तो इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की ओर से 40 करोड़ के बेरोजगार होने की बात की है। वहीं अमरीका में भी जॉब जाने की बात कर रहे हैं। यह सब कोरोना वायरस की वजह से आई आर्थिक मंदी का अनुमानित परिणाम हैं। जो तमाम एजेंसियों की ओर से जारी किया गया है। वहीं इस बारे में लोगों के मन में क्या है जो अब सामने आया है। टरनेट आधारित बाजार अनुसंधान एवं डेटा एनालिटिक्स फर्म यूगोव द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार भारत के आम लोगों में लॉकडाउन की वजह से जॉब जाने का डर समा गया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर युगोव की ओर से किस तरह का सर्वे किया गया है और उसके क्या परिणाम सामने आए हैं।

लोगों में सताया डर
कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्व के विभिन्न देशों के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है। संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते कारोबारी गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। इस सबके बीच, हर पांच में से एक भारतीय को अपनी नौककरी खोने का डर सता रहा है। यह बात यूगोव द्वारा किए गए सर्वे में सामने आई है। सर्वे के अनुसार, कुछ भारतीय वायरस के आर्थिक प्रभाव के बारे में चिंतित हैं। भारतीय नागरिकों की चिंता में शामिल मुख्य बिंदु नौकरी खोना (20 फीसदी), वेतन में कटौती (16 प्रतिशत) शामिल है। इसके अलावा 8 फीसदी भारतीय मान रहे हैं कि उन्हें इस वर्ष बोनस या वेतन वृद्धि का लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा।

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23 फीसदी से ज्यादा बढ़ी बेरोजगारी
शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि भारत में लाखों नौकरियां दांव पर हैं और शहरी बेरोजगारी दर 30.9 प्रतिशत तक बढ़ गई है। कुल मिलाकर बेरोजगारी पहले से 23.4 फीसदी तक बढ़ गई है। जैसा कि लोग अब तीन हफ्तों से घर में ही रह रहे हैं, यूगोव के कोविड-19 ट्रैकर के डेटा से पता चलता है कि लोगों में भय का स्तर समय के साथ स्थिर हो गया है। दूसरी ओर अब लॉकडाउन 3 मई यानी 19 दिनों के लिए और बढ़ गया है। ऐसे में लोगों के मन में यह डर और भी समा गया है। लोगों मन में ऐसा भी आ गया है कि कहीं उन्हें लॉकडाउन के दौरान ही नौकरी ना खोनी पड़ जाए।

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कुछ चिंता हुई कम
सर्वे के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या में मामूली गिरावट आई है, जो वायरस के संपर्क में आने को लेकर चिंतित रहते हैं। यह आंकड़ा 64 फीसदी है, जो पिछले सप्ताह 66 फीसदी था। यूगोव द्वारा यह सर्वेक्षण सात से 10 अप्रैल के बीच करीब एक हजार लोगों से पूछे गए सवालों पर आधारित है। सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि करीब 47 फीसदी लोगों ने खुद को फिट रखने के लिए घरों में ही व्यायाम करना शुरू कर दिया है। वहीं 46 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो दोस्तों और परिवार के साथ वीडियो कॉल पर समय बिताना पसंद कर रहे हैं।



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