क्या कपड़ों और जूतों से भी घर के अंदर कोरोना वायरस को ट्रैक कर सकते हैं?
कोरोना वायरस के कपड़ों और जूतों से फैलने का अभी तक कोई मामला या प्रमाण सामने नहीं आए हैं। लेकिन अगर हम किसी संक्रमित व्यक्ति के करीब या देखभाल कर रहे हैं तो अक्सर कपड़े धो लेना ही वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए अनिवार्य हिस्सा है। इसमें विशेष रूप से, उच्च जोखिम वाले व्यक्ति जैसे कि स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। अधिकांश घरेलू डिटर्जेंट कपड़े पर मौजूद वायरस को मारने के लिए पर्याप्त हैं। यहां तक कि अगर आप खुद को सुरक्षित रखने के लिए क्वारनटाइन या सेल्फ-आइसोलेशन में रह रहे हैं तो आप नोवेल कोरोना वायरस से परिजनों को बचाने के लिए भी यह जरूर करें।
कपड़ों से कम जोखिम
सामान खरीदने या मेडिकल की दुकान पर जाने के दौरान आशंका है कि हमारे कपड़ों और जूतों से कोरोना वायरस के घर तक पहुंचने का अंदेशा है। जूते या कपड़े वायरस के संक्रमण का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है। वैज्ञानिकों का मत है कि वायरस सतह पर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है। जबकि धातु और प्लास्टिक पर यह 2 से 3 दिनों तक जीवित रह सकता है। लेकिन वैज्ञानिक कपड़ों पर इसके ज्यादा जीवित रहने को अनुकूल नहीं मानते। कॉमनस्पिरिट हेल्थ के संक्रामक रोग विशेषज्ञ और उपाध्यक्ष डॉ. कैथलीन जॉर्डन का कहना है कि इस बारे में हमारा सर्वश्रेष्ठ अध्ययन इन्फ्लूएंजा और पहले से ज्ञात अन्य फ्लू वायरस के समान ही है। लेकिन सामान्य रूप से कपड़ों को वायरस का सबसे अच्छा इनक्यूबेटर नहीं माना जाता।
वायरस के पनपने में नमी एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय भूमिका निभाती है या नहीं इसमें अब भी संशय है। लेकिन यह जरूर मानते हैं कि अधिकांश कपड़ों की सामग्री की प्रकृति इसके लिए अनुकूल नहीं है। क्योंकि कपड़े आमतौर पर एक ठोस सतह की तुलना में धागों के एक जाल जैसे होते हैं। इसलिए कपड़ों के माध्यम से वायरस के फैलने की संभावना नहीं है। लेकिन विशेषज्ञ सहमत हैं कि बाहर से आने पर तत्काल लॉन्ड्रिंग करें।
जूतों से संक्रमण संभव
कपड़ों की तुलना में जूते अधिक गंदे होते हैं इसलिए उनके जरिए घर में बैक्टीरिया और अन्य दूषित पदार्थों को घर में ला सकते हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की ओर से प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि नोवेल कोरोना वायरस जूते के ठोस तलवों पर जीवित रह सकता है। अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने चीन के वुहान में एक अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में चिकित्सा स्टाफ के सदस्यों द्वारा पहने गए जूते के तलवों से नमूने लिए। उन्होंने पाया कि कोविड-19 के लिए आधे नमूनों का परीक्षण पॉजिटिव था। इन निष्कर्षों ने शोधकर्ताओं को सुझाव दिया है कि चिकित्सा स्टाफ के जूते रोग वाहक के रूप में वायरस को अस्पताल तक ला सकते हैं। बहरहालए विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि ज्यादातर मामलों में जूते नोवेल कोरोनावायरस के संचरण के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
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