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सचिन ने ओपनिंग के लिए कोच और कप्तान से कहा था- अगर फेल हुआ तो दूसरा मौका मांगने नहीं आऊंगा

सचिन तेंदुलकर ने 1994 में पहली बार वनडे में सलामी बल्लेबाजी की थी। उससे पहले वे मध्यक्रम में खेला करते थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड वनडे से पहले नवजोत सिंह सिद्धू चोटिल हो गए थे। सचिन ने कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और कोच अजीत वाडेकर से एक मौका देने की मांग की थी।

अपने पर्सनल एप 100एमबी पर इसका खुलासा करते हुए मास्टर ब्लास्टर ने कहा, ‘जब मैं होटल से निकला तो मुझे नहीं पता था कि मैं बल्लेबाजी करने जा रहा हूं। ड्रेसिंग रूम में अजहर और वाडेकर सर थे। उन्होंने कहा कि सिद्धू अनफिट है, क्योंकि उसकी गर्दन मुड़ गई है। इसलिए हम किससे ओपनिंग कराएं और मैंने कहा मुझे एक मौका दें। मुझे पूरा विश्वास है कि मैं गेंदबाजों पर आक्रमण कर सकता हूं।’

सचिन के वनडे में 49 शतक समेत 18,426 रन
उस मैच में सचिन तेंदुलकर के बल्ले से 49 गेंदों पर 82 रनों की पारी निकली थी। इसमें 15 चौके और 2 छक्के भी शामिल थे। इसके बाद वे नियमित ओपनर बने। सचिन ने ये भी बताया कि उन्होंने कोच और कप्तान से कहा था कि अगर मैं फेल होता हूं तो दूसरा मौका मांगने कभी नहीं आऊंगा। उस समय पहले 15 ओवर पावरप्ले के होते थे। सचिन ने इसका फायदा उठाने के लिए ही सलामी बल्लेबाजी करने की मांग की थी। उन्होंने बताया कि उस समय बल्लेबाज शुरुआत में नई गेंद के खिलाफ तेजी से रन नहीं बनाते थे। 2012 में वनडे से संन्यास लेने वाले सचिन के नाम 49 शतक समेत 18,426 रन हैं।



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सचिन तेंदूलकर ने डेब्यू ओपनिंग मैच में 49 गेंदों पर 82 रनों की पारी खेली थी। तब टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (बाएंं) थे।


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