बिना हेलमेट के बल्लेबाजी करते हुए मर भी जाता तो दुख नहीं होता: विवियन रिचर्ड्स
वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स ने कहा कि वह बिना हेलमेट के क्रिकेट खेला करते थे। वे जोखिम लेने के साथ काफी सहज रहते थे। रिचर्ड्स ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर शेन वॉट्सन से पोडकास्ट पर ऑनलाइन चैटिंग की। उन्होंने वॉट्सन से कहा कि वे बिना हेलमेट के बल्लेबाजी करते हुए मर भी जाते, तो कोई दुख नहीं था। रिचर्ड्स ने विंडीज के लिए 121 टेस्ट में 8540 रन और 187 वनडे में 6721 रन बनाए हैं।
रिचर्ड्स ने कहा, ‘‘खेल के प्रति जुनून इतना था कि मैं जिस खेल को प्यार करता हूं, उसे खेलते हुए मर भी जाता तो दुख नहीं होता। मैं दूसरे खेलों के पुरुष और महिला खिलाड़ियों को देखता था जो किसी भी हद तक अपने खेल का सम्मान करते थे। मैं फॉर्मूला-1 में रेसर को कार चलाते देखता था। इससे ज्यादा खतरनाक क्या हो सकता है। मेरे डेंटिस्ट ने मुझे माउथपीस दिया था जो मैंने कुछ ही दिन इस्तेमाल किया। इसके कारण मैं चुइंगगम नहीं खा पाता था, इसलिए मैंने नहीं फिर कभी लगाया।’’
रिचर्ड्स की मंडेला से मुलाकात
रिचर्ड्स ने बताया, ‘‘हमारी मुलाकात मोनाको में हुई थी। वह उस समय हमारे मुख्य अतिथि थे। नेल्सन हर किसी से जाकर मिल रहे थे। वह मेरे सामने रुके मुझे हाथ मिलाया और कहा कि विवियन मैं तुम्हें यह बात बताना चाहता हूं कि हम रंगभेद काल के दौरान तुम्हारे दक्षिण अफ्रीका न जाने के फैसले से खुश थे।’’ लॉरेंस रोव की कप्तानी वाली बाकी टीम ने रंगभेद काल के दौरान दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। इस टीम में कोलिन क्रॉफ्ट भी शामिल थे। वहीं, रिचर्डस लॉरेस स्पोर्ट्स फॉर गुड के संस्थापक सदस्य थे, जो मंडेला के संरक्षण में बना था।
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