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कंचनजंघा पर फंसे पर्वतारोहियों के लिये 21 दिवसीय लॉकडाउन बना ‘बिग बॉस चैलेंज

'Bigg Boss Challenge' becomes 21-day lockdown for climbers stranded at Kanchenjunga  Image Source : PTI

कोलकाता। दार्जिलिंग के हिमालय पर्वतारोहण संस्थान के 75 प्रशिक्षुओं के लिये वह बहुत भयावह समय था जब कोरोना वायरस महामारी के कारण देशव्यापी 21 दिवसीय लॉकडाउन घोषित होने के समय वह 14600 फीट ऊपर चौरीखांग बेस कैंप में फंस गए थे। उन्हें 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के दो दिन बाद ही अपना प्रशिक्षण पूरा करके अपने अपने शहर लौट जाना था लेकिन किसी को पता नहीं था कि अब उन्हें 21 दिन तक ‘एचएमआई बिग बॉस चैलेंज’ का सामना करना पड़ेगा।

उन्हें दार्जिलिंग लाया गया जहां एशिया का पहला पर्वतारोहण प्रशिक्षण केंद्र है। ये 75 पर्वतारोही वहीं रह रहे हैं। संस्थान के ग्रुप कप्तान और प्रिंसिपल जय किशन ने दार्जिलिंग से प्रेस ट्रस्ट से कहा,‘‘सिक्किम और पश्चिम बंगाल सरकार की मदद से हम प्रशिक्षुओं को सुरक्षित संस्थान ले आये लेकिन बड़ी चुनौती उन्हें सुरक्षित और व्यस्त रखने की थी।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘इसलिये हमने बिग बॉस चैलेंजस का सोचा। हर किसी को इस लोकप्रिय टीवी शो के बारे में पता है। हमें इसकी 15 लाख रूपये अतिरिक्त लागत आई लेकिन हमने उनसे अतिरिक्त पैसा नहीं लिया।’’

किशन ने कहा कि ये सभी अपना दिन दो घंटे योग, ध्यान, प्राणायाम के साथ शुरू करके राष्ट्रगीत गाते हैं। इसके बाद सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा लांघे बिना नाश्ता करते हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘हमें पता है कि बाहरी लोगों से उनका कोई संपर्क नहीं रहा और वे सभी फिट है। यह संस्थान बाहरियों के लिये पूरी तरह बंद है। इसके बावजूद हम सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं।’’ 

नाश्ते के बाद स्वच्छता कार्यक्रम होता है। फिर लंच ब्रेक और वार्ता, परिचर्चा, वाद विवाद, नृत्य स्पर्धायें होती है। सर्वश्रेष्ठ फिटनेस, सर्वश्रेष्ठ जुम्बा डांसर, सर्वश्रेष्ठ गार्डनर, सर्वश्रेष्ठ सफाईकर्मी और सर्वश्रेष्ठ कहानी कहने वाले को पुरस्कार दिये जा रहे हैं।’’



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