यहां हर घंटे तैयार होती है 4000 रोटियां, हर दिन एक लाख लोग फ्री में खाते हैं भरपेट खाना
दिल्ली में रहने वाले लोग काम से फुर्सत निकालकर घूमने में माहिर होते हैं। खासकर युवा अपने वीकेंड डेस्टिनेशन के लिए जगहें पहले से ही तय कर रखते हैं। वीकेंड या छुट्टियों का मौका मिलते ही दोस्तों संग निकल पड़ते हैं। उन्हीं वीकेंड डेस्टिनेशन में से एक ऐसी शानदार जगह है, जहां के बारे में जानकर सुखद आश्चर्य होता है। इस जगह पर पहुंचने वालों के लिए खाना नि:शुल्क होता है। आइए, जानते हैं इस जगह के बारे में:
हम बात कर रहे हैं, दिल्ली से करीब 450 किलोमीटर दूर स्थित एक परफेक्ट गेटवे डेस्टिनेशन, अमृतसर की। यहां का स्वर्ण मंदिर न केवल सिख धर्मावलंबियों, बल्कि देशभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां विदेशों से भी लोग शीश नवाने पहुंचते हैं। इस गुरुद्वारे का लंगर काफी प्रसिद्ध है। इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बात करते हैं।
स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारा में लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर मत्था टेकने पहुंचते हैं। इस गुरुद्वारे में लंगर में लोगों को भरपेट भोजन करने का मौका मिलता है। इस लंगर की शुरुआत सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव ने की थी। इस लंगर में कोई भी व्यक्ति भरपेट खाना खा सकता है।
बताया जाता है कि स्वर्ण मंदिर में हर दिन करीब एक लाख लोग लंगर खाते हैं। वहीं, वीकेंड पर या फिर जब त्योहारों का समय होता है तो यह संख्या दोगुनी हो जाती है। लंगर में स्वयंसेवी यानी वॉलंटियर्स खाना सर्व करते हैं।
स्वर्ण मंदिर के लंगर में रोजाना 7000 किलो गेहूं के आटे की खपत है। वहीं करीब 1300 किलो दाल और 1200 किलो चावल लगता है। इसके साथ ही करीब 500 किलो मक्खन प्रयोग होता है। खाना पकाने के लिए करीब 100 एलपीजी सिलेंडर और 5 क्विंटल लकड़ी खर्च हो जाती है।
रोटियां यहां इलेक्ट्रिक मशीन से भी बनाई जाती हैं, इससे हर घंटे 3000 से 4000 रोटियां हर घंटे बन जाती हैं, जबकि महिलाएं भी हर घंटे करीब 2000 रोटियां बना लेती हैं। बर्तन एकदम चकाचक दिखें, इसके लिए यहां अलग—अलग समूह के स्वयंसेवी तीन बार बर्तन धोते हैं।
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