अमेरिका ने WHO तोड़े रिश्ते, ट्रंप ने लगाया चीन के इशारे पर काम करने का आरोप
नई दिल्ली: चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते सुधरने का नाम नहीं ले रहे , दुनियाभर में फाली कोरोना महामारी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ( US President ) डोनॉल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने World Health Organisation से सभी रिश्तों को खत्म करने का ऐलान करते हुए संस्था को चीन ( china ) की कठपुतली बताया है। ट्रंप का कहना है कि डब्ल्यूएचओ ( WHO ) ने कोरोना के बारे में शुरुआत में ठीक से जानकारी तक नहीं दी। परिणामस्वरूप ये कोरोना को रोकने में नाकाम रहा।
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ट्रंप यहीं नहीं रुके पूरी दुनिया में कोरोना से हो रही मौतों के लिए WHO को जिम्मेदारी बताते हुए ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की वजह से कोरोना पूरी दुनिया में फैला है। आपको बता दें कि अमेरिका में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 15 लाख है जबकि अब तक 1 लाख लोगों की इस बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है।
अमेरिका पहले भी लगाता रहा है आरोप- कोरोनावायरस को लेकर अमेरिका who पर पहले भी हमले कर चुका है। अमेरिका का दावा है कि कोरोनावायरस चीन की लैब में बना है और वो इसके सुबूत अपने पास होने की भी बात कह रहा है।
अमेरिका के कदम का क्या होगा असर- आपको बता दें कि अमेरिका के इस कदम से WHO की फंडिंग को झटका लग सकता है। अमेरिका हर साल WHO को 45 करोड़ डॉलर का अनुदान देता है जबकि चीन मात्र 4 करोड़ डॉलर का। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हम इतनी ज्यादा मदद देते हैं, इसके बाद भी डब्ल्यूएचओ पर चीन का नियंत्रण है। इसी के चलते उन्होने खुद को इस संस्था से अलग कर लिया है।
फंडिंग की बात करें तो अप्रैल में ही अमेरिका ने WHO को दी जाने वाली फंडिंग रोकने का ऐलान कर दिया है। उस वक्त अमेरिका में 6 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके थे जबकि 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी ।
पहले भी आमने-सामनेआ चुके हैं who और अमेरिका-
ये पहली बार नहीं है जबकि अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ के फैसलों पर नाराजगी जताई है । डिफरेंसेज की वजह से व्हाइट हाउस 2019 से लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिये जाने वाले अनुदान में कटौती करता रहा है । व्हाइट हाउस ( White House ) ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट में दिखाया है कि किस तरह साल दर साल वो who की फंडिंग कम रहा है । वित्तीय वर्ष 2021 में अमेरिका ने 57915 अमेरिकन डॉलर का अनुदान किया है जो कि पहले दी जाने वाली रकम के मुकाबले आधे से भी कम है।
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